बिना शादी किए अगर कोई मर्द और औरत साथ रहने का फ़ैसला करते हैं तो केंद्र सरकार का इससे क्या लेना देना? ये सवाल किया है सुप्रीम कोर्ट ने. एक वकील ने सुप्रीम कोर्ट में PIL दायर करके मांग की थी कि लिव-इन रिलेशनशिप के लिए गाइडलाइंस बनाई जानी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने छूटते ही कहा -"लिव इन रिलेशन का रजिस्ट्रेशन करवाना बेकार आईडिया है. केंद्र सरकार को लिव- इन रिलेशनशिप में रहने वाले लोगों से क्या लेना-देना?".
लिव-इन का मुद्दा ले सुप्रीम कोर्ट पहुंचे वकील से बोले CJI- रुको, जुर्माना लगाते हैं!
बिना शादी किए अगर कोई मर्द और औरत साथ रहने का फ़ैसला करते हैं तो केंद्र सरकार का इससे क्या लेना देना?- सुप्रीम कोर्ट
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