सुप्रीम कोर्ट में ने पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के दोषी बलवंत सिंह राजोआना ने अपनी मौत की सज़ा को उम्रकै़द में बदलने के लिए याचिका दायर की थी. शीर्ष अदालत ने ये याचिका ख़ारिज कर दी है. यानी उसकी मौत की सजा बरक़रार है. आपको शॉर्ट में मामला भी बता देते हैं. 31 अगस्त, 1995. पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री बेअंत सिंह अपनी कार में पंजाब-हरियाणा सचिवालय के बाहर थे. तभी एक खालिस्तानी सुसाइड बॉम्बर वहां पहुंचा और अपनेआप को उड़ा लिया. इस घटना में मुख्यमंत्री समेत 18 लोगों की मौत हो गई. मानव बम बनकर धमाका करने वाले शख़्स का नाम दिलावर सिंह था. वो पंजाब पुलिस का एक कर्मचारी था. उस वक़्त घटनास्थल के पास बलवंत सिंह राजोआना भी मौजूद था. धमाके के तुरंत बाद उसे गिरफ़्तार किया गया था. बलवंत पर आरोप था कि उसे बैकअप के रूप में रखा गया था, कि अगर कहीं दिलावर से कोई चूक हुई या असली योजना में कोई दिक्कत आई, तो भी बेअंत सिंह न बच पाएं.
दिलावर सिंह की तरह ही बलवंत सिंह भी पंजाब पुलिस का सिपाही था. हत्या में संलिप्तता के लिए राजोआना को जुलाई 2007 में मौत की सजा सुनाई गई थी. वो पिछले 26 साल से जेल में है. 2012 से राजोआना की दया याचिका सरकार के पास लंबित है.
सुर्खियां: पंजाब के पूर्व CM बेअंत सिंह के हत्यारे को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं, फांसी पर सरकार क्या करेगी?
साल 1995 में एक खालिस्तानी सुसाइड बॉम्बर के हमले में पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री बेअंत सिंह समेत 18 लोगों की मौत हो गई थी.
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