बलूचिस्तान (Balochistan) के प्रमुख नेता मीर यार बलोच (Mir Yar Baloch) ने अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप (Donald Trump) को एक खुला पत्र लिखा है. इसमें कहा गया है कि जनरल असीम मुनीर ने ट्रंप प्रशासन को पाकिस्तान के तेल भंडार के बारे में बहुत ज्यादा गुमराह किया है.
'पाकिस्तान में तेल है... ये कहकर असीम मुनीर ने आपको गुमराह किया', बलोच नेता ने ट्रंप को लिखा पत्र
Mir Yar Baloch ने अमेरिकी राष्ट्रपति Donald Trump को एक खुला पत्र लिखा है. इसमें कहा गया है कि जनरल असीम मुनीर ने ट्रंप प्रशासन को पाकिस्तान के तेल भंडार के बारे में बहुत ज्यादा गुमराह किया है. दावा किया गया है कि मुनीर ने इस बारे में पूरा सच अमेरिका को नहीं बताया है.

मीर बलोच ने इस बात पर जोर दिया कि खनिजों के भंडार 'बलूचिस्तान गणराज्य' के हैं, न कि पाकिस्तान के. उन्होंने लिखा,
क्षेत्र में तेल और खनिज के विशाल भंडारों के बारे में आपका अनुमान वास्तव में सटीक है. हालांकि, पूरे सम्मान के साथ, आपके प्रशासन को ये सूचित करना जरूरी है कि पाकिस्तानी सैन्य नेतृत्व, विशेष रूप से जनरल असीम मुनीर, और उनके राजनयिकों ने इन संसाधनों के भूगोल और स्वामित्व को लेकर आपको गंभीर रूप से गुमराह किया है.
बलोच ने आगे लिखा,
तेल, प्राकृतिक गैस, तांबा, लिथियम, यूरेनियम और दुर्लभ मृदा खनिजों के ये भंडार पंजाब के क्षेत्र में स्थित नहीं हैं, जो वास्तविक पाकिस्तान है. ये बलूचिस्तान गणराज्य के हैं, जो ऐतिहासिक रूप से संप्रभु राष्ट्र है और वर्तमान में पाकिस्तान के अवैध कब्जे में है.
ये दावा कि ये संसाधन पाकिस्तान के हैं, ये न केवल झूठा है, बल्कि ये राजनीतिक और वित्तीय लाभ के लिए बलूचिस्तान की संपत्ति का दुरुपयोग करने का एक जानबूझकर किया गया प्रयास है.
बलोच ने पाकिस्तान की सेना की भी कड़ी निंदा की. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की कट्टरपंथी सेना और दुष्ट आईएसआई को बलूचिस्तान के इन खनिजों का दोहन करने की अनुमति देना एक गंभीर रणनीतिक भूल होगी. ये अलकायदा और अफगानिस्तान में हजारों अमेरिकी सैनिकों की मौत के लिए जिम्मेदार प्रॉक्सी ग्रुप्स को स्पॉन्सर करते हैं. मीर यार बलोच ने आगे लिखा,
इस तरह की पहुंच देने से आईएसआई की क्षमता बढ़ेगी. इससे वो अपने आतंकी नेटवर्क का विस्तार कर सकेगा, और अधिक आतंकवादियों की भर्ती कर सकेगा और संभवतः 9/11 जैसे बड़े पैमाने पर हमलों को अंजाम दे सकेगा.
इसके अलावा, बलूचिस्तान के चुराए गए संसाधनों से होने वाले मुनाफे से बलूचिस्तान के ही लोगों को कोई लाभ नहीं होगा. इसका इस्तेमाल भारत विरोधी और इजराइल विरोधी जिहादी समूहों को मजबूत करने में किया जाएगा, जिससे दक्षिण एशिया और अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था और भी अस्थिर हो जाएगी.
पाकिस्तान द्वारा बलूचिस्तान का शोषण रोकना, केवल बलूचिस्तान के लोगों के न्याय का मामला नहीं है. ये वैश्विक सुरक्षा का मामला है.
उन्होंने कहा कि बलूचिस्तान के लोगों की अनुमति के बिना पाकिस्तान, चीन या किसी अन्य विदेशी शक्ति को वहां की जमीन या संसाधनों का दोहन करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. उन्होंने आगे लिखा,
इसमें कोई संदेह नहीं है कि बलूचिस्तान बिकाऊ नहीं है…
हमारी संप्रभुता से कोई समझौता नहीं किया जा सकता. उचित स्वामित्व और स्वतंत्रता के लिए हमारा संघर्ष गरिमा और भरोसे के साथ जारी है. हम संयुक्त राज्य अमेरिका सहित अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से अपील करते हैं कि वो इन सच्चाइयों को स्वीकार करें और बलोच लोगों की स्वतंत्रता और अपनी मातृभूमि की वैध आकांक्षाओं का समर्थन करें.
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दरअसल, हाल ही में ट्रंप ने कहा कि अमेरिका और पाकिस्तान के बीच एक नया व्यापार समझौता हुआ है. ताकि दोनों देशों के तेल के भंडारों को विकसित किया जा सके. ट्रंप ने तो यहां तक कह दिया कि हो सकता है एक दिन पाकिस्तान भारत को तेल बेचने लगे.
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