ये कहानी उन्हीं महाशय धर्मपाल गुलाटी की है, जिन्होंने न केवल बंटवारे का दंश झेला बल्कि अपना और अपने परिवार का पेट भरने के लिए तांगा तक चलाया. 2-2 पैसे में मेहंदी की पुड़िया बेचीं. 27 मार्च, 1923 को जन्मे महाशय धर्मपाल, जो 2017 में FMCG सेग्मेंट में सबसे ज़्यादा तनख़्वाह पाने वाले CEO बने थे. जिन्हें पिछले साल भारत के तीसरे सर्वोच्च सिविलियन सम्मान पद्मभूषण से नवाज़ा गया था. लेकिन भारत का बच्चा-बच्चा उन्हें, उनके चेहरे, उनकी पगड़ी और उनकी मूंछों को जानता पहचानता है, तो इन वजहों के चलते नहीं. उसकी वजह दूसरी है. देखिए वीडियो.