मसूद अजहर को बैन का करने का प्रस्ताव फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका 27 फरवरी को लाए थे. समिति के सदस्यों को इस प्रस्ताव पर आपत्ति जताने के लिए 10 दिन का वक्त था. ये समयसीमा 13-14 मार्च की रात 12.30 बजे खत्म हो रही थी. इससे पहले ही चीन ने प्रस्ताव को होल्ड कर दिया. चीन ने प्रस्ताव की समीक्षा और कुछ टाइम और देने की मांग की है. कमेटी ने फैसले को 'टेक्निकल होल्ड' पर रखा है. मतलब ये कि ये मामला फिलहाल ठंडे बस्ते में चला गया है. इसके बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने चाइनीज प्रोडक्ट्स पर बैन लगाने की मांग शुरू कर दी. लेकिन क्या सच में ऐसा करने से चीन अपना फैसला बदल देगा?