20 जुलाई 1969. अमेरिका का अपोलो 11 स्पेसक्राफ्ट चांद पर उतरा. नील आर्मस्ट्रांग और एडविन बज़ एल्ड्रिन ने चांद पर पहला कदम रखा. और धरती पर एक संदेश भेजा.
मास्टरक्लास: चांद का कौन सा सच सामने लाएगा ISRO का चंद्रयान-3 मिशन?
इसरो चंद्रयान-3 मिशन की तैयारी कर रहा है. यानी दो मिशन पहले हो चुके हैं, उनका क्या हुआ?
"One small step for man, One giant leap for mankind.”
यानी, 'इंसान का एक छोटा सा कदम, मानवता के लिए एक बड़ी छलांग.' नील आर्मस्ट्रांग और एडविन बज एल्ड्रिन चांद पर कदम रखने वाले पहले इंसान थे. लेकिन ये पहचान सिर्फ़ तब तक रही, जब तक वो चांद पर थे. चांद से लौटते हुए अपोलो 11 ने जैसे ही धरती के वातावरण में प्रवेश किया, मानवता की पहचान नेपथ्य में चली गई. अब वो सिर्फ़ और सिर्फ़ अमेरिकी थे. दुनिया का और कोई देश उन्हें अपना नहीं कह सकता था. ये वो समय था जब दुनिया के दूसरे छोर पर स्थित एक नया-नया आजाद हुआ देश अपनी जमीन टटोल रहा था. देश जिसे हम भारत के नाम से जानते हैं. उसने भी चांद पर अपना परचम लहराने की तैयारी शुरू कर दी थी. और अब वो दिन दूर नहीं जब चांद पर तिरंगा फहरते नजर आ सकता है. आज हम मास्टरक्लास में बात करने जा रहे हैं इसरो के चंद्रयान-3 की.