वो नेता जिसने पहली बार बिहार में कांग्रेस का किला ढहा दिया
बिहार के पांचवें मुख्यमंत्री, जो छात्रों का जिगर का टुकड़ा कहते थे.
एक नेता जो लालू यादव के उभार के पहले तक बिहार का सबसे बड़ा भीड़ जुटाऊ नेता कहा जाता था. जिसे डॉ राजेन्द्र प्रसाद अपने बेटे के समान मानते थे. जो विद्यार्थियों को अपने जिगर का टुकड़ा कहता था और जिसे नेताओं से भिड़ने में तनिक भी झिझक नहीं होती थी. उसे बनना तो आई.सी.एस. था लेकिन उसने नौकरी ज्वाइन करने की बजाए देश की आजादी के लिए स्वतंत्रता आंदोलन में कूदना मुनासिब समझा. और जिसके बारे में कहा जाता है कि वह अपने लड़ाकू स्वभाव की वजह से किसी एक दल में ज्यादा दिन टिक सकता. और जो पार्टियों के साथ-साथ चुनाव क्षेत्र भी बदलते रहने का आदी हो गया था.