एक फिल्म आई थी- ‘मैंने प्यार किया’. उसमें नायिका कबूतर उड़ाया करती थी. पहले प्यार की चिट्ठी भेजने को. बड़ा पॉपुलर हुआ था गाना भी- कबूतर जा जा जा.. लेकिन भाग्यश्री के साजन को चिट्ठी भेजने के बहुत पहले से कई जगहों पर सफ़ेद कबूतर उड़ाए जाते रहे हैं. शांति के प्रतीक के तौर पर. सफ़ेद कबूतर को वैसे भी शांति के प्रतीक के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. इनके मुंह में जैतून की पत्तियां भी दिखाई जाती हैं. वैसे अंग्रेजी में ‘डव’ कहा जाने वाला ये पक्षी ‘कपोत’ या ‘पेंडुकी’ भी कहा जाता है कई जगह. कबूतर से थोड़ा छोटा होता है. हालांकि बोलचाल की भाषा में इसे कबूतर ही कहते हैं लोग. लेकिन शांति के प्रतीक के तौर पर इसके इस्तेमाल की शुरुआत कहां से हुई? पूरी खबर देखिए वीडियो में.
सफेद कबूतर उड़ाना शांति का प्रतीक क्यों माना जाता है?
कबूतर से तो चिट्ठी भेजी जाती थी, फिर ये कैसे हुआ?
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