इबारत: सईद अख्तर मिर्ज़ा की कही वो दस बातें, जो हमारी सोच को नया नज़रिया देती हैं
'विकास का मतलब है कि सबसे कमज़ोर शख्स भी इज़्ज़त की ज़िंदगी जी सके'.
हिंदी फ़िल्म इंडस्ट्री में कुछ फ़िल्में अपने काम से पहले नाम से जानी जाती हैं. जैसे ‘अल्बर्ट पिंटो को गुस्सा क्यों आता है.’ या ‘अरविंद देसाई की अजीब दास्तान.’या 'मोहन जोशी हाज़िर हों' या 'सलीम लंगड़े पे मत रो' जैसी फ़िल्में हैं. जिन फ़िल्मों के आपने नाम सुने ये सारी फ़िल्में बनाई हैं सईद अख्तर मिर्ज़ा ने. सईद अख्तर मिर्ज़ा की पहली फ़िल्म 'अरविंद देसाई की अजीब दास्तान' को फ़िल्मफ़ेयर से नवाज़ा गया था. अपने समय में सिनेमा के अलग ही मायने गढ़ने वाले सईद अख्तर मिर्ज़ा का आज जन्मदिन है. आज के इबारत में सुनिये अख्तर मिर्ज़ा की कही दस बातें जो हमें नया सोचने को मजबूर करती हैं. देखें वीडियो.