बॉलीवुड अभिनेत्री और मॉडल शेफाली जरीवाला (Shefali Jariwala) की मौत हार्ट अटैक से हो गई. उनकी उम्र 42 साल थी. साल 2021 में 'बिग बॉस 13' के विनर सिद्धार्थ शुक्ला की भी हार्ट अटैक से ही मौत हुई थी. उनकी उम्र 40 साल थी. इन दोनों के अलावा कई और नाम हैं, जिनके निधन की खबर अचानक आई. जैसे, सिंगर केके, कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव और फिल्म डायरेक्टर राजू कौशल. इन सभी का निधन हार्ट अटैक से ही हुआ.
पहले सिद्दार्थ शुक्ला अब शेफाली जरीवाला, आखिर इतनी कम उम्र में हार्ट अटैक पड़ता क्यों है?
Shefali Jariwala की मौत हार्ट अटैक से हो गई. डॉक्टर की मदद से Heart Attack से जुड़े कई सवालों के जवाब जानने की कोशिश करेंगे. इसके लक्षण क्या होते हैं और इससे बचाव के क्या उपाय हो सकते हैं?

कई मौकों पर ये भी देखा गया कि कई लोगों को साइलैंट हार्ट अटैक आया और उनकी मौत हो गई. ऐसे में हार्ट अटैक और साइलेंट अटैक को लेकर चर्चा हो रही है. इस आर्टिकल में डॉक्टर की मदद से हार्ट अटैक से जुड़े कई सवालों के जवाब जानने की कोशिश करेंगे. इसके लक्षण क्या होते हैं और इससे बचाव के क्या उपाय हो सकते हैं?
Silent Heart Attack के लक्षणइस मामले को लेकर हमने डॉ. जोगेश विशनदासानी से बात की थी. वो रायपुर के श्री मेडिशाइन अस्पताल में इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट हैं. उन्होंने हमें बताया कि साइलेंट अटैक को साइलेंट मायोकॉर्डियल इन्फार्क्शन (एसएमआई) भी कहते हैं. हार्ट अटैक और साइलेंट अटैक में सिर्फ लक्षण का ही फर्क होता है. साइलेंट अटैक में लक्षण ना के बराबर होते हैं. इसी वजह से मरीज को कुछ पता नहीं चल पाता है.
क्या लक्षण होते हैं?
- सीने में हल्का दर्द उठना
- हल्का पसीना आना (आपको लगेगा की गर्मी की वजह से आया है)
- पाचन क्रिया में दिक्कत होना
- छाती में हल्की जलन
कभी-कभी एसिडिटी के चलते छाती में हल्का दर्द महसूस होता है. साइलेंट अटैक के दौरान भी इसी तरह का दर्द होता है.
साइलेंट अटैक क्या होता है?डॉ. जोगेश ने बताया,
साइलेंट अटैक से कैसे बचा जा सकता है?दिल की बीमारियां आर्टरीज (धमनियों) में कॉलेस्ट्रॉल/फैट जमा होने के कारण होती हैं. ये जमावट धीरे-धीरे बढ़ती रहती है. वक्त के साथ ब्लॉकेज 50 से 60 प्रतिशत तक पहुंच जाता है और प्लाक्स (थक्के) बन जाते हैं. इन प्लाक्स के फटने का खतरा रहता है.
दिल की मांसपेशियां खिंचती रहती हैं, लेकिन धीरे-धीरे इनके खिंचने की क्षमता कम होने लगती है, प्लाक फट जाते हैं. प्लाक के फटते ही कुछ केमिकल रिलीज होते हैं, जो खून के साथ मिलकर ब्लड क्लॉट यानी खून के थक्के बना देते हैं. अगर 50 से 80 प्रतिशत तक ब्लॉकेज है तो खून के थक्के बनते ही वो ब्लॉकेज 100 प्रतिशत में बदल जाता है. जैसे ही ये ब्लॉकेज 100 प्रतिशत हो जाता है, दिल का एक हिस्सा मर जाता है. ऐसे में दिल में बहुत तेज दर्द उठता है. इसी अवस्था को हार्ट अटैक कहा जाता है. हार्ट अटैक में जोर से सीने में दर्द होता है. घबराहट होती है. पसीना आता है. इसी तरह साइलेंट अटैक में भी धमनियों में ब्लॉकेज होती है, हार्ट को नुकसान होता है. लेकिन सभी लक्षण ना के बराबर होते हैं.
डॉ. जोगेश ने बताया कि चूंकि साइलेंट अटैक के लक्षण नहीं होते, तो इसके बारे में पता चल पाना बहुत मुश्किल है. इसलिए मरीज का जागरूक होना बहुत जरूरी है. इसलिए समय-समय पर ECG, ECHO और ब्लड टेस्ट करवाने चाहिए.
हार्ट अटैक/साइलेंट अटैक के मुख्य कारण ये रहे -
- धूम्रपान.
- हाई ब्लड प्रेशर.
- शुगर की बीमारी.
- शराब का रोज सेवन.
- जंक फूड
- तला हुआ खाना
- शरीर को एक्टिव न रखना (चलना-फिरना कम करना).
- एकदम से रूटीन चेंज करना.
आप इन सारी चीजों से बच गए, तो हार्ट अटैक/साइलेंट अटैक से भी बच सकते हैं. इनसे इतर भी कुछ चीजें आप अपने जीवन में जोड़ें/घटाएं तो अटैक का खतरा कम हो सकता है. इसमें सबसे महत्वपूर्ण है डाइट. हरी सब्जियां खाइए, छिलके वाली दाल खाइए, हाई कार्ब डाइट इग्नोर कीजिए. एक और चीज है- युवा हैं, चुस्त-दुरुस्त हैं, तब भी ब्लड प्रेशर की नियमित जांच कराते रहिए.
हार्ट अटैक के समय मरीज को CPR देकर बचाया जा सकता है तो क्या साइलेंट अटैक में भी हम ऐसा कुछ कर सकते हैं? डॉ. जोगेश इसपर कहते हैं,
दो चीजें होती हैं. पहली साइलेंट अटैक और दूसरी ‘सडन कार्डिएक अरेस्ट’ (अचानक दिल की धड़कन का बंद होना). सडन कार्डिएक अरेस्ट में मरीज को ज्यादा वक्त नहीं मिल पाता. लेकिन साइलेंट अटैक में मामला थोड़ा अलग होता है. इसमें मरीज की मौत भी हो सकती है और CPR के जरिए उसे कई केस में बचाया भी जा सकता है. कभी-कभार मरीज को इतना समय मिल जाता है कि उसे अस्पताल ले जाया जा सके और इलाज हो सके.
आजकल अटैक 30 साल के लोगों को भी आ रहा है. इसलिए हमेशा लोगों को टाइम पर चेकअप करवाना चाहिए. जिससे समय पर उनका ट्रीटमेंट हो सके.
ये भी पढ़ें: 'कांटा लगा' फेम शेफाली जरीवाला का निधन, 42 साल की उम्र में आया कार्डियक अरेस्ट
क्या कोविड वैक्सीन का भी कोई कनेक्शन है?क्या कोविड या कोविड वैक्सीन का हार्ट अटैक/साइलेंट अटैक से कोई कनेक्शन है? इसपर डॉ. जोगेश ने कहा कि अगर किसी को कोविड हुआ है, तो उसे वायरल इन्फेक्शन होने का चांस ज्यादा होता है. इससे मरीज के खून में थक्के बनने लगते हैं. इसलिए हार्ट अटैक और लकवा होने का चांस ज्यादा होता है. लेकिन अभी तक ये नहीं कहा जा सकता है कि कोविड या कोविड वैक्सीन से हार्ट अटैक के मामले बढ़ रहे हैं. इन सब पर अभी स्टडी चल रही है. जिनका रिजल्ट आना बाकी है.
वीडियो: शेफाली शाह ने अमिताभ और शाहरुख के साथ रणवीर-Ranveer Singh, Alia Bhatt का नाम क्यों जोड़ा?