दी लल्लनटॉप दिल्ली और उसके आसपास हो रहे किसान विरोध को बारीकी से कवर कर रहा है. किसान यूनियंस केंद्र सरकार से मांग कर रहे हैं कि वह नए कृषि कानून 2020, बिजली कानून 2003 में संशोधन और एनसीआर क्षेत्र में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए अध्यादेश लाए. किसान संघ दावा कर रहे हैं कि ये जनविरोधी, किसान विरोधी कानून है, जिसे तत्काल निरस्त किया जाना चाहिए. जबकि सरकार की तरफ़ से पीएम नरेंद्र मोदी से लेकर गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर किसानों को आश्वासन दे रहे हैं कि ये कानून किसानों और खेती की बेहतरी के लिए हैं. पंजाब और दूसरे राज्यों से आने वाले किसान इन कानूनों को काला कानून करार दे रहे हैं. किसान नेता दावा कर रहे हैं कि भाजपा सरकार सिर्फ मनमोहन सिंह के दौर की नीतियों का विस्तार कर रही है और यह अलग नहीं है. देखिए हमारी ग्राउंड रिपोर्ट.
ग्राउंड रिपोर्ट: प्रदर्शन कर रहे किसानों ने बातों-बातों में माल्या-नीरव मोदी को क्यों घसीट लिया?
इस बुजुर्ग किसान ने धरना ख़त्म करने के सवाल पर सही बात की है.
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