लाल सागर, एक ऐसा समुद्री मार्ग है जिसका इस्तेमाल कई देश व्यापार के लिए करते हैं, ये इतना अहम रास्ता है कि हर साल
- दुनिया की 10 फीसदी ट्रेड इसी रास्ते से होती है.
- दुनिया का 20 फीसदी ऑइल एशिया, यूरोप, अफ्रीका और अमेरिका तक इसी रास्ते से होकर जाता है.
- हर साल इसी रास्ते से 1 अरब टन सामान ले जाया जाता है.
- और इसी रास्ते से हर साल लगभग 19 हज़ार जहाज़ आते जाते हैं.
लाल सागर के मैप में नज़र डालेंगे तो आपको गल्फ ऑफ़ ऐडिन से लगा हुआ एक देश नज़र आएगा यमन. 20 नवंबर को इसी रास्ते से एक जहाज़ तुर्किए से भारत के गुजरात जा रहा था, इसमें बेशकीमती गाड़ियां रखी हुई थीं, जब ये जहाज़ यमन के पास पहुंचा तो एक हैलीकॉप्टर इसमें लैंड किया, इसमें से कुछ नकाबपोश लोग निकले और जहाज़ पर कब्ज़ा कर लिया, और इसे अपने साथ यमन ले गए.
दुनियादारी: सोमालिया के समुद्री लुटेरों ने इज़रायली जहाज़ पर क्यों कब्ज़ा किया?
हूती विद्रोहियों ने जहाज़ कब्ज़ाने की वजह गाज़ा में चल रही जंग बताई, कहा कि जब तक इज़रायल, गाज़ा और पूरे फिलिस्तीन में अपने ज़ुल्म को रोक नहीं देता, हम इज़रायल पर अटैक करेंगे और इस तरह और भी जहाज़ को कब्ज़े में लेंगे.
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जहाज़ कब्ज़ा करने वाले ये लोग हूती विद्रोही थे, जिनका यमन के अधिकांश हिस्सों में कब्ज़ा है. हूतियों ने जहाज़ कब्ज़ाने की वजह गाज़ा में चल रही जंग बताई, कहा कि जब तक इज़रायल, गाज़ा और पूरे फिलिस्तीन में अपने ज़ुल्म को रोक नहीं देता, हम इज़रायल पर अटैक करेंगे और इस तरह और भी जहाज़ को कब्ज़े में लेंगे. इज़रायल ने इस पर नाराज़गी जताई, इसे ईरान का आतंकवादी हमला कहा, लेकिन साथ में ये भी बोल दिया कि ये हमारा जहाज़ नहीं है. पर न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट बताती है कि इस जहाज़ का मालिकाना हक़ एक इज़रायली अरबपति के पास है.
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