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ऑल्ट न्यूज़ वाले मोहम्मद जुबैर को जिस ट्वीट के लिए अरेस्ट किया गया, उसमें क्या था?

क्या ज़ुबैर ने हनीमून को हनुमान कर दिया? या मामला समझने में देर हो गई?

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जुबैर और वो फोटो जिसे 2018 के ट्वीट में शेयर किया था.

ऑल्ट न्यूज़ (Alt News) से जुड़े पत्रकार मोहम्मद जुबैर (Mohammad Zubair) को कल रात, 27 जून को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. जुबैर को एक ट्वीट की वजह से गिरफ्तार किया गया है. जुबैर पर ट्वीट से जरिए धार्मिक भावनाएं आहत करने का और दंगे भड़काने का आरोप है. जुबैर ने ये ट्वीट 2018 में किया था. इस बीच कहा जा रहा है कि जुबैर ने एक हिंदी फिल्म के सीन के जरिए एक तंज किया था. सोशल मीडिया पर लोगों का कहना है कि जब फिल्म के उस सीन को CBFC यानी सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेट से इजाजत मिल गई थी तो जुबैर पर केस किस आधार पर किया गया है.

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जुबैर ने क्या ट्वीट किया था?

2018 में जुबैर ने ट्वीट में एक फोटो शेयर की थी. फोटो में एक फिल्म का स्क्रीनशॉट था. फोटो में एक बोर्ड पर लिखा था 'हनुमान होटल'. 

और इस फ़ोटो के साथ के जुबैर ने लिखा था. 2014 के पहले जो हनिमून होटल था वो 2014 के बाद हनुमान होटल हो गया. दरअसल ये मौजूदा केंद्र सरकार पर एक तंज किया गया था.

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फिल्म में क्या सीन था?

जुबैर ने जिस फिल्म का स्क्रीनशॉट लगाया था वो साल 1983 में आई थी. ऋृषिकेश मुखर्जी ने इस फिल्म को बनाया था. फिल्म का नाम था 'किसी से ना कहना'. फिल्म के जिस सीन का स्क्रीनशॉट लिया गया था उसको दिवंगत अभिनेता फारुख शेख और दीप्ति नवल पर फिल्माया गया था. फिल्म में दोनों नायक हनीमून मनाने जाते हैं. उन्होंने होटल पहले से बुक किया होता है और उन्हें बताया जाता है कि होटल का नाम हनीमून होटल है. लेकिन जब वो होटल पहुंचते हैं तो देखते हैं कि उसका नाम हनीमून होटल से हनुमान होटल कर दिया गया है. इस पर फारुख, दीप्ति से कहते हैं कि ये वही होटल है. बस इसके नाम को थोड़ा-सा बदल दिया गया है.

दरअसल फिल्म में और जुबैर ने जो फोटो शेयर की थी उसमें हनीमून में ही फेरबदल करके हनुमान कर दिया गया था. और इसी फोटो के आधार पर जुबैर पर केस किया गया. शिकायत में कहा गया है कि जुबैर ने जानबूझकर भगवान का अपमान करने की कोशिश की है.

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इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस का कहना है कि, 

इस तरह के ट्वीट को लगातार रीट्वीट किया जा रहा था. ऐसा प्रतीत होता है कि सोशल मीडिया पर एक ब्रिगेड है जो इस तरह की चीज़ों को फैलाने लिप्त है. इससे सांप्रदायिक संभाव पर असर पड़ता है और ये सामाजिक तौर पर शांति बनाए रखने के खिलाफ है.

जुबैर को कितनी सजा हो सकती है?

जुबैर पर दिल्ली पुलिस ने IPC की धारा 153 और 295A के तहत मुकदमा दर्ज किया है. धारा 153 में किसी शख्स पर दंगा भड़काने का प्रयास करने पर लगाई जाती है. इसमें सजा दो तरह से होती है. अगर दंगा या कहे कि उपद्रव हुआ तो एक साल तक की सजा या आर्थिक दंड यानी फाइन या दोनों लगाए जा सकते हैं.  दूसरा अगर उपद्रव नहीं हुआ तो भी 6 महीने तक की सजा या अर्थ दंड दोनों लगाए जा सकते हैं.

इसी तरह धारा 295A तब लगाई जाती है जब कोई शख्स किसी भी धर्म या धार्मिक विश्वास का अपमान करने की कोशिश करता है. इसके तरह दो साल की सजा या अर्थ दंड या दोनों का प्रावधान है. हालांकि बता दें कि इसे संज्ञेय अपराध यानी सीरियस क्राइम माना जाता है. और आजतक के परवेज सागर की खबर के मुताबिक ये गैर जमानती है.

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