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दिल्ली की हवा तो भरपूर खराब है, लेकिन दुनिया की सबसे प्रदूषित जगहों भारत के ये दो शहर भी

बीते चार दिन से दिल्ली की हवा बोझिल सी बनी है, जिससे लोगों को सांस लेने में भी तकलीफ हो रही है.

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दिल्ली बना दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर (फोटो- इंडिया टुडे)

नई दिल्ली दुनिया का सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर बन गया है. दिल्ली की बोझिल सी दिख रही हवा के लिए लोग पहले ही ‘जहरीली’, ‘गैस चैम्बर’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं. अब एक रिपोर्ट में दिल्ली दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर माना गया है. स्विट्जरलैंड की एयर क्वालिटी टैक्नोलॉजी कंपनी IQ Air के मुताबिक, 5 नवंबर को दोपहर 12 बजे दिल्ली का AQI 705 पर दर्ज किया गया. सुबह के वक्त ये 483 था. 

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सबसे प्रदूषित शहरों में दूसरे नंबर पर लाहौर का नाम है. वहां AQI 328 है. टॉप दो प्रदूषित शहरों में AQI के इतने बड़े अंतर से ही दिल्ली की खराब हालत का पता चलता है. IQ Air की लाइव रैंकिंग के मुताबिक, 10 सबसे प्रदूषित शहरों में भारत के तीन शहर शामिल हैं. पहले नंबर पर दिल्ली. चौथे नंबर पर कोलकाता और सातवें नंबर पर मुंबई.

 

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CAQM (Commission for Air Quality Management) ने बताया कि प्रतिकूल मौसम संबंधी परिस्थितियां, खेतों में आग लगाने की घटनाओं में बढ़ोतरी और दिल्ली में प्रदूषकों (Pollutants) को ले जाने वाली उत्तर-पश्चिमी हवाएं बढ़ते AQI का प्रमुख कारण हैं. हवा में मौजूद प्रदूषण की वजह से AQI बदलता है. जितना ज़्यादा AQI, यानी उतना ज़्यादा प्रदूषण.

AQI 0 से 50 है - हवा की क्वालिटी अच्छी (GOOD) है.

51 से 100 - संतोषजनक यानी (SATIFACTORY) है.

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101-200 - कम प्रदूषित यानी (MODERATELY POLLUTED) है.

201-300 - मतलब हवा ख़राब यानी (POOR) है

301-400 - हवा बहुत ख़राब यानी (VERY POOR) है

401 के ऊपर हवा का स्तर - ख़तरनाक यानी (SEVERE) स्थिति में चला जाता है.

प्रदूषित हवा के कारण लोगों को स्वास्थ्य की समस्याएं भी शुरू हो गई हैं. हवा के कारण लंबे समय तक खांसी, छींक, घरघराहट, सांस लेने में तकलीफ, आंखों में जलन, आंखों से पानी आना, सिरदर्द और थकान जैसे लक्षण दिख सकते हैं. डॉक्टर लोगों से घर से बाहर निकलने पर मास्क पहनने की अपील कर रहे हैं.

फोर्टिस एस्कॉर्ट्स के डॉ अजमत करीम ने इंडिया टुडे को बताया कि प्रदूषित हवा, विशेष रूप से भारी मात्रा में particulate matter, PM 2.5 वाली हवा में सांस लेने से शरीर पर नकारात्मक असर पड़ता है. ये फेफड़ों की क्षमता को कम कर सकता है.

डॉक्टर ने खुद को सुरक्षित रखने के लिए कुछ तरीके बताएं हैं-

बाहरी गतिविधियों को सीमित करें- ज्यादा प्रदूषण स्तर वाले दिनों में घर के अंदर रहने की कोशिश करें, खासकर तब जब आपको सांस संबंधी समस्याएं हैं.

एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें- इनडोर एयर क्वालिटी में सुधार के लिए घर पर एयर प्यूरीफायर लगाएं.

मास्क पहनें- बाहर जाते समय N95 या N99 रेस्पिरेटर का यूज करें जो बारीक कणों को फिल्टर कर सकता है.

सूचित रहें: मोबाइल ऐप्स या वेबसाइटों के माध्यम से अपने क्षेत्र में वायु गुणवत्ता के स्तर पर नजर रखें.

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