...तो क्या महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे सरकार गिर जाएगी?
क्या बचेगी उद्धव सरकार? जानिए महाराष्ट्र की सत्ता का पूरा समीकरण
एकनाथ शिंदे जितने विधायक अपने साथ लेकर गए हैं क्या उनके बलबूते उद्धव ठाकरे की सरकार गिर सकती है? या इनके अलग होने के बाद भी सरकार पहले की तरह ही बनी रहेगी?

शिवसेना (Shiv Sena) नेता और महाराष्ट्र (Maharashtra) सरकार में मंत्री एकनाथ शिंदे के बागी हो जाने के बाद अब ये सवाल हर किसी की जुबान पर है. शिंदे 25 विधायकों के साथ गुजरात के सूरत (Surat) शहर के एक होटल में है. इधर, बैठकों का दौर जारी है. मुंबई से लेकर दिल्ली तक सरकार बचाने, गिराने और बनाने की रेस लगी हुई है. लेकिन क्या कहता नंबर गेम, जो सर्वोपरि है. उद्धव सरकार तभी गिरेगी जब गठबंधन का आंकड़ा बहुमत से कम हो जाएगा.
महाराष्ट्र में किसके पास कितनी सीटें?महाराष्ट्र विधानसभा में कुल 288 सीटें हैं. पिछला चुनाव साल 2019 में हुआ था. बहुमत किसी को नहीं मिला था. चुनाव में सबसे ज्यादा सीटें बीजेपी को मिलीं. बीजेपी के खाते में आईं 106 सीटें. शिवसेना को मिलीं 56 सीटें. NCP को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिलीं. इसके अलावा छोटे दल और निर्दलीय उम्मीदवारों के हिस्से आईं 28 सीटें. बीते 12 मई को शिवसेना के एक विधायक की मौत हो गई. यानी विधानसभा में बचे 287 विधायक. लिहाजा बहुमत का आंकड़ा 145 से घटकर 144 हो गया है.
महाविकास अघाड़ी (MVA) यानी शिवसेना, NCP और कांग्रेस का गठबंधन. महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे इसी गठबंधन के तले सरकार चला रहे हैं. शिंदे के बागी होने से पहले तक MVA के पास कुल 169 विधायकों का समर्थन था. इसमें शिवसेना, NCP और कांग्रेस के विधायकों के अलावा समाजवादी पार्टी (SP) के 2, प्रहार जनशक्ति पार्टी (PJP) के 2, बहुजन विकास अघाड़ी (BVA) के 3 और 9 निर्दलीय विधायकों का समर्थन भी सरकार को हासिल था.
बीजेपी के पास कितने MLA?विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 106 सीटें मिली थीं. इसके अलावा राष्ट्रीय समाज पक्ष (RCP) का 1, जनस्वराज्य शक्ति पक्ष (JSS) का 1 और 5 निर्दलीय विधायकों को मिलाकर बीजेपी के पास 113 की संख्या बनती है. इसके अलावा अन्य दलों के पास 5 विधायक हैं. इनमें AIMIM के 2, CPI (M) का 1 और राज ठाकरे की पार्टी MNS के पास 1 विधायक है.
क्या एकनाथ शिंदे पासा पलट सकते हैं?खबरों के मुताबिक सूरत के होटल में बैठे एकनाथ शिंदे के पास 25 विधायक हैं. ये सारे विधायक उद्धव ठाकरे यानी महाविकास अघाड़ी के ही है. ऐसे में बगावत होती है तो उद्धव सरकार के पास 169 में से घट कर 143 विधायक बचेंगे. और विधानसभा में फिलहाल बहुमत के लिए 144 विधायक चाहिए. ऐसे में अगर कुछ निर्दलीय और अन्य ने MVA गठबंधन का साथ छोड़ा तो उद्धव सरकार का मुश्किल में आना तय है.
उद्धव के लिए ये मुश्किल आज नहीं खड़ी हुई है. बीते दिनों हुए कुछ घटनाक्रम इस ओर इशारा कर रहे थे. पहले राज्यसभा चुनाव और उसके बाद विधान परिषद के चुनाव में भी महाविकास अघाड़ी सरकार में शामिल पार्टियों के विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की थी. बीजेपी के पास विधानसभा में निर्दलीय विधायकों को मिलाकर संख्या 113 है. लेकिन राज्यसभा चुनाव में बीजेपी को 123 वोट मिले तो एमएलसी चुनाव में 134 वोट. आगे क्या होता है, उद्धव सरकार बनी रहती है या बीजेपी सत्ता में वापसी करती है, फिलहाल तो ये एकनाथ शिंदे के अगले कदम पर निर्भर है.