The Lallantop

PM मोदी के अकाउंट से पोस्ट इस फोटो को फेसबुक ने फेक क्यों बताया?

जानिए, कैसे और क्यों लगाता है फेसबुक ये चेतावनी.

post-main-image
प्रधानमंत्री मोदी के फेसबुक पेज से ये तस्वीर सितंबर 2018 में पोस्ट की गई थी.
अमरीकी राष्ट्रपति चुनाव- 2020 में आपने ख़बरें पढ़ी होंगी कि फेसबुक और ट्विटर ने तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ट्वीट्स और फेसबुक
पोस्ट्स पर भ्रामक या फ़ेक होने की चेतावनी चिपका दी थी. दोनों प्लेटफॉर्म्स ने कई बार ट्रंप के पोस्ट्स हटाए थे. फेसबुक और ट्विटर के हिसाब से राष्ट्रपति ट्रंप ने कोविड और चुनाव संबंधी भ्रामक जानकारियां शेयर की थीं. इसीलिए पोस्ट पर चेतावनी चिपका दी जाती थी या फिर हटा ही दिया जाता था.
ट्रंप के ट्वीट पर 'डिस्प्यूटेड' का नोटिस. यानी मामला विवादित है. ये कई नोटिस ट्रंप के ट्वीट्स पर चिपकाए गए थे जब वो चुनाव हारने के मुहाने पर खड़े थे और वोटिंग फ्रॉड का दावा कर रहे थे.(तस्वीर- DaviKeatling)
ट्रंप के ट्वीट पर 'डिस्प्यूटेड' का नोटिस. यानी मामला विवादित है, कोई क्लैरिटी नहीं है. ऐसे कई नोटिस ट्रंप के ट्वीट्स पर चिपकाए गए थे जिस वक्त वो राष्ट्रपति चुनाव हारने के मुहाने पर खड़े थे और वोटिंग में फ्रॉड का दावा कर रहे थे.(तस्वीर- DaviKeatling)


इससे मिलता-जुलता कुछ प्रधानमंत्री मोदी के फेसबुक पोस्ट के साथ हुआ है. उनका पोस्ट तो डिलीट नहीं किया गया, पर नोटिस ज़रूर चिपका हुआ था. यूज़र्स की नज़र पड़ी तो ट्विटर पर इसके स्क्रीनशॉट शेयर होने लगे. डायरेक्टर अविनाश दास ने भी ये स्क्रीनशॉट ट्वीट
किए हैं. (आर्काइव लिंक
) हालांकि, अब ये नोटिस PM मोदी के पेज से हट चुका है.
आइए आपको बताते हैं, क्यों और कैसे लगता है फेसबुक पर ग़लत जानकारी की चेतावनी देता नोटिस.
तो बात कुछ यूं है कि फेसबुक ने फे़क न्यूज़ से निपटने के लिए भारत में कुल 8 फैक्ट चेकर्स के साथ करार किया है. फैक्ट चेकर्स फेसबुक पर मौजूद भ्रामक जानकारियों को जांचते हैं. फिर अपने निष्कर्ष को फेसबुक से साझा करते हैं. इसी आधार पर फेसबुक किसी पोस्ट पर फेक न्यूज़ का कवर चिपकाता है और असली तथ्य बताते आर्टिकल का लिंक कवर में अटैच करता है.
ऐसा बैनर लगाता है फेसबुक स्टोरी के ऊपर. हालांकि प्रधानमंत्री मोदी के पोस्ट से ये अब हट चुका है.
ऐसा कवर लगाता है फेसबुक स्टोरी के ऊपर.


तो इसी पैटर्न पर, मोदी की इस तस्वीर पर False Information का कवर चिपका हुआ था. इसमें फैक्ट चेक वेबसाइट बूम लाइव की स्टोरी का लिंक था. बूम लाइव फेसबुक के साथ करार करने वाले 8 फैक्ट चेकर्स में से एक है. ये फैक्ट चेक आर्टिकल बांग्ला में लिखा गया था
.
इस वायरल तस्वीर में मोदी के साथ दाऊदी बोहरा समुदाय के सर्वोच्च धार्मिक नेता सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन हैं.
Posted by Narendra Modi
on Friday, 14 September 2018
तस्वीर में आप देख सकते हैं कि सैयदना ने सिर पर एक गोल टोपीनुमा साफ़ा बांध रखा है. जबकि प्रधानमंत्री मोदी ने सिर पर कोई टोपी नहीं पहनी है. लेकिन इसी तस्वीर में किसी ने छेड़छाड़ कर दी थी. और मोदी के सिर पर टोपी पहना दी. इसी बात का फैक्ट चेक बूम लाइव ने अपनी बांग्ला भाषा की स्टोरी में किया था. बूम ने बताया कि मोदी ने टोपी नहीं पहनी
है.
Fan Page Mamata Banerjee नाम के पेज से पोस्ट की गई इस तस्वीर को बूम ने ग़लत बताया था. असली तस्वीर में पीएम मोदी ने टोपी नहीं पहनी है.
Fan Page Mamata Banerjee नाम के पेज से पोस्ट की गई इस तस्वीर को बूम ने ग़लत बताया था. असली तस्वीर में पीएम मोदी ने टोपी नहीं पहनी है. ये आर्काइव लिंक का स्क्रीनशॉट है.


बूम के इस आर्टिकल में एडिट की गई फोटो का आर्काइव लिंक
मौजूद है. Fan Club Mamata Banerjee
नाम के इस फेसबुक पेज पर ये फ़र्ज़ी तस्वीर 6 जून 2019 को पोस्ट की गई थी. उसी दिन बूम ने इसका फैक्ट चेक कर सच्चाई बता दी थी.
जैसा कि आपको पहले बताया, फैक्ट चेक स्टोरी को फेसबुक के साथ साझा किया जाता है. बूम की स्टोरी में भी यही बात फॉलो की गई. स्टोरी साझा करने के लिए फेसबुक एक टूलबॉक्स का ऑप्शन देता है. ये सिर्फ फैक्ट चेकर्स के लिए बनाई गई व्यवस्था है. यहां वे क़रीब 4 केटेगरीज़ में से किसी एक को चुनते हैं. ये केटेगरीज़ हैं-
- गलत संदर्भ में शेयर हो रही जानकारी - जानकारी/फोटो/वीडियो के साथ छेड़छाड़ - वीडियो का कोई चुनिंदा हिस्सा दिखाना या - कोई व्ययंग्य (मज़ाकिया पोस्ट)
केटेगरी चुनने के साथ-साथ फर्ज़ी पोस्ट का लिंक भी सबमिट किया जाता है. इससे फर्ज़ी पोस्ट पर False Information की चेतावनी लग जाती है. और फेसबुक इसी फोटो से मिलती जुलती फोटोज़ को अपने प्लेटफॉर्म्स से हटा देता है या फिर उनपर चेतावनी लगा देता है.
तो ग़लती की दो ही संभावनाएं हैं- फेसबुक की ऑटोमेशन तकनीक की गलती की वजह से मोदी की तस्वीर को ग़लत बताया गया. या फिर वेबसाइट की ओर से मानवीय त्रुटि रही. फ़र्ज़ी लिंक को टूलबॉक्स में सबमिट करने की जगह, सही लिंक सबमिट कर दिया गया.
"दी लल्लनटॉप" स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं करता कि मोदी की तस्वीर पर लगे False News कवर के पीछे किसकी चूक थी, लेकिन कैसे लगता है कवर, ये अब आप जान गए होंगे.