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"अमृतसर में धमाके की आवाज तो आई लेकिन चिंता की कोई बात नहीं" पुलिस ने सब बता दिया, पूरी रात क्या-क्या हुआ

Police Denies Amritsar Blasts: रात के करीब 10:30 बजे से 11 बजे तक और फिर 1:30 बजे ब्लैकआउट किया गया. 8 मई की सुबह फिर से इसका अभ्यास किया गया. लाइटें बंद कर दी गईं. लोगों को घर के अंदर रहने की अपील की गई. प्रशासन ने कहा कि घबराने वाली कोई बात नहीं है.

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अमृतसर में मॉक ड्रिल के दौरान स्वर्ण मंदिर. (तस्वीर: PTI)
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असीम बस्सी

अमृतसर में 7 से 8 मई की दरम्यानी रात को धमाकों की आवाज (Amritsar Blasts) सुनाई दी. सोशल मीडिया पर इसको लेकर अलग-अलग तरह के दावे किए गए. इंडिया टुडे ग्रुप ने सच्चाई का पता लगाने के लिए तुरंत ही अधिकारियों से संपर्क किया. पता चला कि अमृतसर में चिंता की कोई बात नहीं है. लेकिन अतिरिक्त सावधानी बरतते हुए इलाके में ‘ब्लैकआउट ड्रिल’ (Blackout in Amritsar) की गई.

अमृतसर के पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत भुल्लर ने कहा,

हां, मैंने भी धमाकों की आवाज सुनी है. लेकिन हमने मौके पर जाकर जांच की और वहां कुछ नहीं मिला. हमने सावधानी बरतते हुए ब्लैकआउट कर दिया.

"घबराएं नहीं, घर पर रहें"

रात के करीब 10:30 बजे से 11 बजे तक और फिर 1:30 बजे ब्लैकआउट किया गया. 8 मई की सुबह फिर से इसका अभ्यास किया गया. लाइटें बंद कर दी गईं और लोगों को घर के अंदर रहने की अपील की गई. प्रशासन ने कहा कि घबराने जैसे कोई स्थिति नहीं है.

अमृतसर जिला जनसंपर्क अधिकारी ने मामले पर कहा,

अत्यंत सावधानी बरतते हुए, अमृतसर जिला प्रशासन ने फिर से ब्लैकआउट अभ्यास शुरू कर दिया है. कृपया घर पर रहें, घबराएं नहीं, अपने घरों के बाहर इकट्ठा न हों और अपने घरों की बाहरी लाइटें बंद रखें.

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद, 7 मई को भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अंजाम दिया. इसके तहत पाकिस्तान और PoK में नौ आतंकी ठिकानों पर मिसाइल दागे गए. इसके बाद देश के कई हिस्सों में ‘मॉक ड्रिल’ की गई. ताकि, आम लोग युद्ध की स्थिति में अपना बचाव कर सकें. 

देश के हित में रिहर्सल

इसी के तहत अमृतसर में सबसे पहले रात के 10:30 बजे ‘ब्लैकआउट ड्रिल’ की गई थी. ASI जगतार सिंह ने इसके बारे में न्यूज एजेंसी ANI को बताया,

ब्लैकआउट रात 10.30 बजे से 11 बजे के बीच, आधे घंटे तक रहा. सारी लाइटें बंद रखी गईं ताकि दुश्मन को पता न चले (हमले की स्थिति में) कि यहां कोई शहर है. देश के हित के लिए रिहर्सल की जा रही है... सायरन चालू हुआ और फिर दो मिनट के भीतर पूरी तरह से ब्लैकआउट हो गया…

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इसके अलावा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, हिमाचल प्रदेश और बिहार सहित कई राज्यों में भी इसी तरह के ब्लैकआउट देखे गए. बाड़मेर, ग्वालियर, सूरत, शिमला और पटना जैसे शहरों ने प्रमुख इमारतों और सार्वजनिक स्थानों पर लाइटें बंद करके रखे गए. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में, राष्ट्रपति भवन और विजय चौक भी ड्रिल के लिए अंधेरे में रहे. पटना में राजभवन में भी ऐसा ही किया गया.

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