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विक्की मिद्दूखेड़ा की हत्या कैसे हुई थी? जिसके बाद मूसेवाला की मौत का प्लान बना!

गोल्डी बरार और लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने कहा कि उन्होंने विक्की मिद्दूखेड़ा की हत्या का बदला लेने के लिए मूसेवाला का मर्डर किया.

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सिद्धू मूसेवाला और विक्की मिद्दूखेड़ा. (फोटो क्रेडिट: फेसबुक)

मशहूर पंजाबी सिंगर (Punjabi SInger) और कांग्रेस नेता सिद्धू मूसेवाला (Sidhu Moose Wala) की मानसा जिले में बीते रविवार, 29 मई को गोली मारकर हत्या कर दी गई. पुलिस का कहना है कि इस घटना के पीछे लॉरेंस बिश्नोई गैंग (Lawrence Bishnoi) का हाथ है. उन्होंने यह भी कहा है कि दो गैंग के बीच प्रतिद्वंदिता और बदले की भावना भी इस हत्या की बड़ी वजह हो सकती है. इसी बीच कनाडा में रह रहे गैंगस्टर गोल्डी बराड़ (Goldy Brar) ने कथित तौर पर एक फेसबुक पोस्ट लिखकर इस घटना की जिम्मेदारी ली है. इसमें बराड़ ने कहा है कि उन्होंने अपने सहयोगी विक्की मिद्दूखेड़ा (Vicky Middukhera) की हत्या का बदला लेने के लिए लॉरेंस बिश्नोई गैंग के साथ मिलकर घटना को अंजाम दिया है.

लॉरेंस बिश्नोई के कथित फेसबुक पोस्ट में कहा गया है, 

'मैं और गोल्डी बराड़ सिद्धू मूसेवाला की हत्या की जिम्मेदारी लेते हैं. लोग चाहे जो भी कहें, लेकिन हमने अपने ब्रदर विक्की मिद्दूखेड़ा की हत्या का बदला लिया है. सिद्धू मूसेवाला ने उनकी हत्या में मदद की थी. 

इसमें आगे लिखा है, 

‘मैंने उन्हें (मूसेवाला) जयपुर से बुलाया था और कहा था कि उन्होंने जो किया है वो सही नहीं है. उन्होंने मुझसे कहा कि उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता है और मुझे चुनौती दी कि मैं भी अपना हथियार लोड रखता हूं. इसलिए हमने अब अपने ब्रदर की हत्या का बदला ले लिया है. लेकिन यह अभी सिर्फ शुरुआत है. जो भी हमारे ब्रदर (विक्की) की हत्या में शामिल थे, वे चौकन्ने हो जाएं.’

विक्की मिद्दूखेड़ा कौन है?

विक्की मिद्दूखेड़ा उर्फ विक्रमजीत सिंह मिद्दूखेड़ा युवा अकाली दल का एक नेता था. परिवार श्री मुक्तसर साहिब जिले के मलोत से ताल्लुक रखता था. और अकाली दल के नेता सुखबीर बादल का करीबी था

द क्विंट के मुताबिक विक्की ने मोहाली के शिवालिक पब्लिक स्कूल से पढ़ाई की थी और चंडीगढ़ के डीएवी कॉलेज से ग्रेजुएशन किया था. इसके बाद उन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी के डिपार्मेंट ऑफ डिफेंस स्टडीज में दाखिला लिया था. साल 2009 में मिद्दूखेड़ा को स्टूडेंट ऑर्गनाइजेशन ऑफ पंजाब यूनिवर्सिटी (एसओपीयू) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था. लॉरेंस बिश्नोई भी एसओपीयू का अध्यक्ष रह चुका है.

सुखबीर बादल के साथ विक्की. (फोटो क्रेडिट: विक्की फेसबुक पेज)

इसके बाद विक्की ने शिरोमणि अकाली की छात्र इकाई स्टूडेंट ऑर्गनाइजेशन ऑफ इंडिया (एसओआई) में दाखिला लिया. विक्की ने साल 2015 के पंजाब विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव में एसओआई की जीत में प्रमुख भूमिका निभाई थी.

उनके भाई अजय मिद्दूखेड़ा भी राजनीति में हैं और उन्होंने मोहाली में नगर निगम का चुनाव लड़ा था.

कैसे हुई विक्की मिद्दूखेड़ा की हत्या?

7 अगस्त, 2021. मोहाली का सेक्टर 71. विक्की मिद्दूखेड़ा अपने एक दोस्त, जो प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करता था, से मिलने आया था. मोहाली का ही रजिस्ट्रेशन नंबर लिए एक गाड़ी आई. सफेद रंग की. इसमें से चार हमलावर बाहर आए. चारों ने अपने चेहरे पर मास्क पहना हुआ था. उन्हें देखकर मिद्दूखेड़ा अपनी गाड़ी की ओर भागा. चार में से दो हमलावरों ने मिद्दूखेड़ा को दौड़ा लिया. जिस समय मिद्दूखेड़ा अपनी गाड़ी में बैठने ही वाला था, उस समय उस पर गोलियां बरसाई गईं. दी ट्रिब्यून की खबर के मुताबिक, मिद्दूखेड़ा पर 20 राउंड गोलियां चलाई गईं. पास में मौजूद सामुदायिक केंद्र की दीवार से आड़ लेने भागे मिद्दूखेड़ा को 9 गोलियां लगीं. हमलावर मौके से भाग गए. पूरी घटना cctv कैमरे में कैद हो गई.

रिपोर्ट के मुताबिक गैंगस्टर अमित डागर और भूप्पी राणा के इशारे पर इस वारदात को अंजाम दिया गया था.

7 अगस्त 2021 को विक्की की हत्या हुई थी. (फोटो: आज तक)
 क्यों हुई थी विक्की की हत्या?

इस बारे में अभी तक नहीं पता चल सका है कि विक्की मिद्दूखेड़ा की हत्या क्यों हुई थी? पुलिस अभी तक तमाम कड़ियों को जोड़ने की कोशिश कर रही है.

द ट्रिब्यून की 5 मई 2022 की एक रिपोर्ट में एसएसपी विवेक शील सोनी ने कहा था, 

'जांच अभी चल रही है. एफआईआर में पांच लोगों के नाम दर्ज हैं. शूटरों का सहयोग करने वाले आरोपियों की गिरफ्तारी अभी तक नहीं हो पाई है. इनकी गिरफ्तारी होने के बाद ही हमें हत्या के पीछे की वजह पता चल पाएगी.'

मोहाली पुलिस को अभी तक कोई खास सफलता नहीं मिल पाई है. हालांकि 29 मार्च को दिल्ली पुलिस ने तीन गैंगस्टर- झज्जर निवासी सज्जन उर्फ भोलू (37), दिल्ली निवासी अनिल कुमार लट्ठ (32) और कुरुक्षेत्र निवासी सनी (20) को गिरफ्तार करने का दावा किया था. ये सभी बंबीहा गैंग के सक्रिय सदस्य हैं. खबरें बताती हैं कि मिद्दूखेड़ा की हत्या में इसी बंबीहा गैंग शामिल था. इस बंबीहा गैंग को मोगा के रहने वाले दविन्दर बंबीहा ने शुरू किया था. खबरों के मुताबिक साल 2016 में पंजाब पुलिस ने बंबीहा को मुठभेड़ में मार गिराया था, लेकिन उसकी मौत के बाद उसका गिरोह अब भी सक्रिय है

इन तीनों से पूछताछ के दौरान गैंगस्टर अमित डागर और भुप्पी राणा का नाम सामने आया था. इसके बाद एफआईआर में इनके नाम शामिल किए गए और इन्हें गिरफ्तार किया गया था. दिल्ली पुलिस ने इस मामले में पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला के पूर्व मैनेजर शगुनप्रीत सिंह की भूमिका की भी जांच की थी. शगुनप्रीत पर आरोप है कि उन्होंने हत्या को अंजाम देने वाले शूटरों का सहयोग किया था और उनके रहने का इंतजाम किया था. हालांकि पुलिस शगुनप्रीत को पकड़ नहीं पाई और वह इसी साल छह अप्रैल को कथित तौर पर ऑस्ट्रेलिया भाग गया. पुलिस ने उनके खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी किया है. 

रिपोर्ट के मुताबिक विक्की मिद्दूखेड़ा के परिवार ने इस मामले में सिद्धू मूसेवाला की भूमिका की जांच करने की मांग की थी. सिद्धू मूसेवाला पर ये भी आरोप है कि मिद्दूखेड़ा की हत्या में मूसेवाला के सहयोग से ही उनके मैनेजर ने काम को अंजाम दिया था. मूसेवाला की हत्या के बाद लॉरेंस बिश्नोई के कथित सहयोगियों ने भी बारहा मूसेवाला पर ये आरोप लगाए कि मिद्दूखेड़ा की हत्या में वो भी शामिल था, जिसका बदला लिया गया है.

वीडियो: पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या, हाल ही में सुरक्षा वापिस ली गई थी