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कौन है 'खालिस्तानी' अमृतपाल सिंह जो दुबई से लौटा और पंजाब में बवाल मचा दिया?

कहानी अमृतपाल सिंह की.

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अमृतपाल सिंह (फाइल फोटो: आजतक)

अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) अभी भी पंजाब पुलिस की पकड़ में नहीं आया है. अमृतपाल सिंह को फरार घोषित कर दिया गया है. पुलिस की टीमें अमृतपाल की खोज में लगी हुई हैं. बीते दिन 18 मार्च को अमृतपाल के खिलाफ पंजाब में बड़ा ऑपरेशन चलाया गया था. 78 लोगों को गिरफ्तार कर उनसे पूछताछ की जा रही है. अमृतपाल के फाइनेंसर दलजीत सिंह कलसी को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है.

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कौन है अमृतपाल सिंह?

अमृतपाल सिंह का शुरुआती उभार सोशल मीडिया के जरिए हुआ. 26 जनवरी, 2021 को किसान आन्दोलन के दौरान लाल किले पर खालसा पंथ का झंडा फहराने की घटना के बाद किसान संगठन दो फाड़ हो गए थे. एक्टर और एक्टिविस्ट दीप सिद्धू को इस पूरी घटना का दोषी बताकर पेश किया जा रहा था.

इस समय अमृतपाल सिंह ने फेसबुक पर कई लाइव करके दीप सिद्धू का बचाव किया था और निशान साहेब फहराने की घटना को जायज ठहराया. इस दौरान वो पहली बार लोगों की नज़रों में आया. फरवरी, 2021 में दीप सिद्धू की गिरफ्तारी के बाद अमृतपाल ने दीप सिद्धू के पक्ष में बड़ी उग्रता के साथ सोशल मीडिया प्रचार अभियान चलाया. जिसके बाद वो फेमस होता गया. खालिस्तान की मांग को आगे बढ़ाता गया.

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 ‘वारिस पंजाब दे’ का मुखिया बना

अगस्त, 2022 में अमृतपाल सिंह दुबई से भारत आया और ‘वारिस पंजाब दे’का मुखिया बना. ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन की नींव दीप सिद्धू ने ही रखी थी. 15 फ़रवरी, 2022 को एक सड़क हादसे में उनकी मौत हो गई थी. दीप सिद्धू ने अपनी मौत से लगभग 6 महीने पहले ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन बनाया था.

दीप सिद्धू की मौत लगभग 6 महीने बाद अमृतपाल सिंह दुबई से भारत आया. उसकी अगवानी करने वालों में संगरूर के सांसद और शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) के अध्यक्ष सिमरनजीत सिंह मान भी शामिल थे. यहां आने बाद उसने तमाम मीडिया चैनलों को इंटरव्यू दिए. इन इंटरव्यू में उसने सिख भावना से जुड़े तमाम मुद्दों को उठाना शुरू किया. इसमें जेल में बंद पूर्व खालिस्तानी अतिवादियों की रिहाई, यमुना-सतलज लिंक नहर और चंडीगढ़ को पंजाब की राजधानी बनाए जाने जैसे सालों से लंबित मुद्दे शामिल थे.

थाने में हिंसा का मामला

अमृतपाल फरवरी महीने में भी चर्चा में आया था. तब खालिस्तानी नेता अमृतपाल सिंह के समर्थकों ने कथित तौर पर पंजाब के अमृतसर के अजनाला थाने में हिंसा की थी. आरोप है कि अमृतपाल सिंह के कई समर्थकों ने तलवारों और बंदूकों के साथ पुलिस बैरिकेड्स पर हमला किया था. उसे तोड़ दिया था.

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ऐसा क्यों हुआ था? क्योंकि किडनैप और हमले के केस में पुलिस ने अमृतपाल सिंह के सहयोगियों लवप्रीत तूफान और बलदेव सिंह को अरेस्ट कर लिया था. और पुलिस थाने पर हिंसा करने वाले लोग इस अरेस्ट का विरोध कर रहे थे. इस भीड़ में अमृतपाल सिंह भी शामिल था. रिपोर्ट के मुताबिक इस घटना में 6 पुलिस वाले घायल हुए थे.

अमृतपाल के साथियों का आरोप था कि लवप्रीत और अमृतपाल का नाम गलत तरीके से FIR में डाला गया. बाद में पुलिस ने अमृतपाल के करीबी को छोड़ दिया था. हालांकि, उसके बाद से अमृतपाल पुलिस के निशाने पर है और इसके लिए पुलिस ने एक्शन प्लान तैयार किया.

12वीं के बाद दुबई चला गया था

उसकी उम्र 30 साल है. वो 12वीं तक की पढ़ाई के बाद साल 2012 में दुबई में रहने चला गया था. वहां उसने ट्रांसपोर्ट का कारोबार किया. उसके ज्यादातर रिश्तेदार अभी भी दुबई में रहते हैं. आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक ये भी कहा जाता है कि जब अमृतपाल दुबई में था, तब वह पाकिस्तान स्थित खलिस्तानी आतंकवादी लखबीर सिंह रोडे के भाई जसवंत सिंह रोडे और उग्रवादी परमजीत सिंह पम्मा के संपर्क में आया था. 

अमृतपाल का नाम पिछले साल पंजाब के शिवसेना नेता सुधीर सूरी हत्याकांड में भी सामने आया था. सुधीर सूरी के परिवार ने हत्याकांड में अमृतपाल सिंह का नाम भी शामिल करने की मांग की थी. उसके बाद पुलिस ने अमृतपाल सिंह को मोगा के गांव सिंगावाला में नजरबंद कर दिया था. इसी साल 10 फरवरी को NRI किरणदीप कौर से उसकी शादी हुई है. 

अमृतपाल सिंह की तुलना जरनैल सिंह भिंडरावाले से की जाती है. उसे 'भिंडरावाले 2.0' भी कहा जाता है. भिंडरावाले की तरह ही वो खालिस्तान समर्थक है. भिंडरावाले की तरह ही नीली पगड़ी पहनता है. 
 

वीडियो: दी लल्लनटॉप शो: खालिस्तान और भिंडरांवाले का समर्थक अमृतपाल सिंह क्या कुछ बड़ा प्लान कर रहा है?

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