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'गुटखा कंपनियों को भी कोयला खनन का लाइसेंस..' श्वेत पत्र पर निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस के लिए क्या कहा?

Lok Sabha Session Live: वित्त मंत्री Nirmala Sitharaman ने संसद में 2014 से पहले और बाद की भारतीय अर्थव्यवस्था की तुलना करते हुए White Paper जारी करने का ऐलान किया था.

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लोकसभा में बोलतीं वित्त मंत्री. (तस्वीर साभार: संसद टीवी)

संसद में 9 फरवरी को श्वेत पत्र (White Paper) पर बहस हुई. इस दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने 2014 से पहले के UPA सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था को 10 साल की नाजुक स्थिति से बाहर निकालकर शीर्ष पांच में पहुंचाया गया है. इसलिए सरकार की ओर से सदन के पटल पर श्वेत पत्र रखा गया है. उन्होंने कहा कि यह जिम्मेदारी के साथ दिया गया बयान है. वित्त मंत्री ने कहा,

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"UPA सरकार के हाथों कोयला घोटाले के कारण भारत को भारी नुकसान हुआ."

उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा,

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"जब आप देश को पहले नहीं रखते. जब आप अपने परिवार को पहले रखते हैं. और जब आप पारदर्शिता के अलावा अन्य चीजों के बारे में सोचते हैं तो परिणाम आपके सामने है."

ये भी पढ़ें: लोकसभा में श्वेत पत्र पेश, UPA के 'आर्थिक कुप्रबंधन' पर चर्चा करेगी मोदी सरकार

निर्मला सीतारमण ने NDA सरकार की प्रशंसा करते हुए कहा,

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“2008 के बाद जब वैश्विक वित्तीय संकट आया और उसके बाद जो कुछ हुआ. उससे स्पष्ट है कि यदि सरकार की मंशा ईमानदार है तो परिणाम अच्छे होंगे.”

उन्होंने आगे कहा,

"हमारी सरकार ने UPA की तुलना में वैश्विक संकटों को बहुत बेहतर तरीके से संभाला. CWG घोटाले के कारण UPA बुनियादी ढांचे का निर्माण नहीं कर सका."

इस दौरान उन्होंने ये भी कहा कि UPA सरकार में गुटखा कंपनियों को भी कोयला खनन का लाइसेंस दे दिया गया था.

क्या है White Paper?

8 फरवरी को वित्त मंत्री ने संसद में 2014 से पहले और बाद की भारतीय अर्थव्यवस्था की तुलना करते हुए श्वेत पत्र जारी करने का ऐलान किया था. मोदी सरकार ये श्वेत पत्र यूपीए सरकार के दौरान कथित आर्थिक कुप्रबंधन के खिलाफ लेकर आई है. इसमें कहा गया है कि UPA ने 10 साल में अर्थव्यवस्था को नॉन-परफॉर्मिंग बना दिया. श्वेत पत्र में यह भी कहा गया था कि 2014 में भारत दुनिया की पांच कमजोर अर्थव्यवस्थाओं में शामिल था. लेकिन अब हम शीर्ष पांच अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हैं.

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