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महारानी एलिजाबेथ के निधन के बाद भारत से हथियाए हुए कोहिनूर हीरे का क्या होगा?

105 कैरट के कोहिनूर हीरे पर पाकिस्तान-अफगानिस्तान भी दावा ठोंकते हैं!

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कोहिनूर का क्या होगा? (फोटो- आजतक)

ब्रिटेन (Britain) पर 70 सालों से शासन करने वाली क्वीन एलिजाबेथ (Queen Elizabeth) का निधन हो गया है. शाही परंपरा के मुताबिक अब उनकी जगह लेंगे उनके बेटे चार्ल्स (King Charles III).  महारानी के निधन के तुरंत बाद ही ट्विटर पर हैशटैग कोहिनूर (Kohinoor) ट्रेंड करने लगा. अब चर्चा है कि एलिजाबेथ के ताज में जड़े बेशकीमती कोहिनूर हीरे का क्या होगा?

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किसे मिलेगा कोहिनूर वाला ताज ?

रिपोर्ट्स के मुताबिक ब्रिटेन के नए राजा चार्ल्स की पत्नी और प्रिंसेस कॉन्सर्ट कैमिला को ये ताज पहनाया जाएगा. उन्हें क्वीन की आधिकारिक उपाधि नहीं मिली है, उन्हे कॉन्सर्ट प्रिन्सेस की उपाधि मिली है . हालांकि कैमिला के पास कोई संवैधानिक अधिकार नहीं होगा. पिछले 1000 सालों से ब्रिटेन में इसी परंपरा का पालन किया जा रहा है.

कोहिनूर जड़ा ताज (क्रेडिट - एपी / इंडिया टुडे)
दुनिया का सबसे बड़ा हीरा है कोहिनूर

अपनी प्लेटिनम जुबली पर एलिजाबेथ ने उम्मीद जताई थी कि हर कोई कैमिला का क्वीन कंसोर्ट के रूप में समर्थन करेगा. संभावना है कि किंग चार्ल्स की ताजपोशी के समय कैमिला को कोहिनूर से जड़ा क्राउन पहने देखा जा सकता है. 105.6 कैरट शुद्धता वाले कोहिनूर को दुनिया का सबसे बड़ा हीरा माना जाता है. कहा जाता है कि ये हीरा 14वीं शताब्दी में भारत के आंध्र प्रदेश की एक खदान से मिला था. वहां से ये पंजाब पहुंचा और ब्रिटिशों के कब्जे के बाद 1849 में इसे ब्रिटेन की तत्कालीन महारानी विक्टोरिया को सौंप दिया गया था. कुछ समय बाद इस कोहिनूर को शाही ताज में जड़वा दिया गया था. भारत के अलावा पाकिस्तान और अफगानिस्तान भी कोहिनूर पर अपना दावा ठोकते हैं.

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ताज में अफ्रीका का भी हीरा

महारानी के ताज में दुनिया के कई दुर्लभ और बेशकीमती हीरे और जवाहरात जड़े हुए हैं. इसमें कोहिनूर और अफ्रीका का बेशकीमती हीरा ग्रेट स्टार ऑफ अफ्रीका भी है. इसकी कीमत लगभग 40 करोड़ डॉलर आंकी गई है.

भारत और अफ्रीका वो देश हैं जहां पहले ब्रिटेन का राज कायम था. भारत और अफ्रीका दोनों देशों ने भी ब्रिटेन के शाही ताज में जड़े अपने बेशकीमती हीरे लौटाने की मांग की है. बता दें महारानी एलिजाबेथ द्वितीय तीन बार 1961, 1983 और 1997 में भारत का दौरा भी कर चुकी हैं. वह पहली बार भारत को आजादी मिलने के लगभग 15 साल बाद 1961 में अपने पति ड्यूक ऑफ एडिनबर्ग के साथ भारत दौरे पर आई थीं. 

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