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'एक साल से सोनिया, राहुल, प्रियंका से नहीं मिला" - पार्टी छोड़ते हुए क्या-क्या बोल गए जयवीर शेरगिल?

जयवीर शेरगिल ने पहले कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता पद से इस्तीफा दिया, फिर बताया कि उन्होंने पार्टी ही छोड़ दी है.

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जयवीर शेरगिल. (तस्वीर उनके ट्विटर अकाउंस से साभार है.)

जयवीर शेरगिल (Jaiveer Shergill) ने 24 अगस्त को कांग्रेस (Congress) पार्टी छोड़ दी. पहले उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता पद से इस्तीफा दिया, बाद में बताया कि पार्टी ही छोड़ चुके हैं. पेशे से वकील जयवीर शेरगिल ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे पत्र में कहा कि पार्टी में 'चापलूसी' चल रही है, 'जनता के हित में काम नहीं' हो रहा है.

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Jaiveer Shergill ने क्या कहा?

जयवीर शेरगिल ने पहले कांग्रेस प्रवक्ता पद छोड़ने का कारण देते हुए पत्र में लिखा,

"मेरे इस्तीफा देने का मुख्य कारण पार्टी के मौजूदा डिसिजन मेकर्स की विचारधारा और परिकल्पना है जो युवाओं की आकांक्षाओं और आधुनिक भारत के साथ नहीं है. इसके अलावा, ये देखकर मुझे तकलीफ होती है कि पार्टी के फैसले जनता और देश के हित के लिए नहीं होते, बल्कि व्यक्तियों के स्वार्थ से प्रभावित होते हैं, जो चापलूसी में लिप्त हैं और जो जमीनी हकीकत की अनदेखी करते हैं. ये ऐसी चीज है जिसे मैं नैतिक रूप से स्वीकार नहीं कर सकता या इसके साथ काम नहीं कर सकता. हालांकि मैं हमेशा पार्टी से मिले सभी अवसरों के लिए आभारी रहूंगा."

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इसके बाद जयवीर शेरगिल ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में बताया कि उन्होंने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा देकर पार्टी ही छोड़ दी है. बोले,

"मैंने कांग्रेस पार्टी में अपने सारे पदों से इस्तीफा दे दिया है. इसका सबसे बड़ा कारण ये है कि कांग्रेस में अब जनहित को ध्यान में रखते हुए फैसले नहीं लिए जाते. पार्टी चापलूसी करने वाली एक मंडली से घिरी हुई है."

जयवीर ने आगे दावा किया कि वो पिछले एक साल से सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से मिलने का समय मांग रहे हैं, लेकिन उन्हें नहीं बुलाया जाता. जयवीर ने कहा,

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"पिछले 8 सालों में मैंने कांग्रेस से कुछ नहीं लिया, केवल अपना योगदान देता रहा. आज मुझे लोगों के आगे झुकने के लिए कहा जा रहा है, क्योंकि वे शीर्ष नेतृत्व के करीबी हैं. ये मेरे लिए स्वीकार्य नहीं है."

जयवीर शेरगिल सुप्रीम कोर्ट के वकील हैं. वे कांग्रेस के युवा चेहरा थे. उन्होंने ऐसे समय में कांग्रेस छोड़ी है, जब पार्टी के कुछ बड़े और वरिष्ठ नेता भी अपने पदों से इस्तीफा दे रहे हैं या उसे छोड़कर दूसरी पार्टी में जा रहे हैं. हाल में आनंद शर्मा ने हिमाचल प्रदेश चुनाव के लिए बनी संचालन समिति से ये कहकर इस्तीफा दे दिया था कि उनका सम्मान नहीं किया जा रहा. इससे पहले गुलाम नबी आजाद ने जम्मू-कश्मीर प्रचार समिति का अध्यक्ष बनाए जाने के कुछ ही घंटों बाद इस्तीफा दे दिया था. कहा गया कि उनकी तबीयत ठीक नहीं रहती है, लेकिन अंदरखाने की बात ये सामने आई कि गुलान नबी पार्टी के फैसलों से खुश नहीं हैं.

वहीं जितिन प्रसाद और ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसे नेता तो कांग्रेस छोड़कर बीजेपी के साथ जा चुके हैं. ज्योतिरादित्य सिंधिया अब केंद्र में सिविल एविएशन मिनिस्टर हैं, जबकि जितिन प्रसाद यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्री हैं. कभी पार्टी का बड़ा चेहरा रहे कपिल सिब्बल भी कांग्रेस छोड़ चुके हैं.

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