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'ये बार हमारा है', स्मृति ईरानी की बेटी पर लग रहे आरोपों के बीच गोवा के एक परिवार का दावा

परिवार ने कहा कि इसमें किसी इसमें किसी दूसरे व्यक्ति का कोई दखल नहीं है.

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बाएं से दाएं. स्मृति ईरानी और गोवा स्थित कैफे के बोर्ड की फोटो. (फाइल फोटो)

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी (Smriti Irani) की बेटी के ऊपर गोवा के असगांव में सिली सोल्स कैफे एंड बार चलाने और एक मृत व्यक्ति के नाम पर फर्जी लाइसेंस लेने के आरोपों के बीच एक नया मोड़ आया है. गोवा के एक स्थानीय परिवार ने 29 जुलाई को एक्साइज कमिश्नर को बताया कि इस पूरी प्रॉपर्टी का मालिकाना हक उसके पास है और इसका इस्तेमाल पूरी तरह से व्यावसायिक हितों के लिए किया जाता है. कहा गया है कि इसमें किसी भी दूसरे व्यक्ति का कोई दखल नहीं है. स्मृति ईरानी की बेटी के ऊपर ये आरोप कांग्रेस पार्टी के नेताओं (Congress Leaders) ने लगाए हैं. 

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अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, परिवार का ये जवाब एक्साइज कमिश्नर नारायण एम गाड की तरफ से जारी किए गए कारण बताओ नोटिस के संबंध में दिया गया है. जवाब में मर्लिन एंथनी और उनके बेटे डीन डी गामा ने इस प्रॉपर्टी पर अपना मालिकाना हक बताया है और कहा है कि उन्होंने किसी भी कानून का उल्लंघन नहीं किया है.

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रिपोर्ट के अनुसार, एक्साइज कमिश्नर की तरफ से कारण बताओ नोटिस एक वकील की शिकायत पर जारी किया गया था. शिकायत में कहा गया था कि लाइसेंस एक मृत व्यक्ति के नाम पर रीन्यू कराया गया. शिकायत में मृतक का डेथ सर्टिफिकेट भी लगाया गया था. 

दिल्ली HC का आदेश 

ये जानकारी तब सामने आई है, जब कांग्रेस पार्टी के नेताओं की तरफ से लगातार स्मृति ईरानी की बेटी पर अवैध बार चलाने के आरोप लगाए जा रहे हैं. इस संबंध में पार्टी केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी का इस्तीफा भी मांग रही है. दूसरी तरफ, स्मृति ईरानी ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं पवन खेड़ा, जयराम रमेश और नेटा डिसूजा को कानूनी नोटिस भेजा है. 

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इधर दिल्ली हाई कोर्ट ने कांग्रेस के नेताओं को आदेश दिया है कि वो इस मामले में स्मृति ईरानी के खिलाफ सोशल मीडिया पर पोस्ट किया गया कॉन्टेंट हटा लें. हाई कोर्ट ने ये भी कहा कि अगर कांग्रेस नेता ऐसा नहीं करते हैं, तो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पोस्ट्स को हटाएं. दूसरी तरफ, कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि वो कोर्ट के सामने सबूतों के साथ अपना पक्ष रखेंगे.

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