फ्लाइट में मिलने वाले मील्स के नामों को लेकर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है (Vistara Flight Meal Names Controversy). एक पत्रकार ने विस्तारा में मिलने वाले मील के नामों को लेकर आपत्ति जताई. उन्होंने एयरलाइन पर खाने को सांप्रदायिक बनाने का आरोप लगा दिया. दावा किया कि फ्लाइट में शाकाहारी खाने को 'Hindu Meal' और नॉन वेज खाने को 'Muslim Meal' के तौर पर लेबल किया जाता है. फिर एविएशन से जुड़े यूजर्स ने खाने के इन नामों की कहानी बताई.
वेज मतलब हिंदू, नॉन वेज मतलब मुस्लिम! फ्लाइट में फूड कोड पर विवाद, फिर जवाब क्या मिला?
Flight Meals Controversy: एक पत्रकार ने विस्तारा में मिलने वाले मील के नामों को लेकर आपत्ति जताई. उन्होंने एयरलाइन पर खाने को सांप्रदायिक बनाने का आरोप लगा दिया.

27 अगस्त को पत्रकार आरती टिकू सिंह ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय को टैग करते हुए पोस्ट में लिखा,
विस्तारा, आपकी उड़ानों में शाकाहारी खाने को 'हिंदू मील' और चिकन वाले खाने को 'मुस्लिम मील' क्यों कहा जाता है? आपसे किसने कहा कि सभी हिंदू शाकाहारी हैं और सभी मुसलमान मांसाहारी हैं? आप लोगों पर फूड चॉइस क्यों थोप रहे हैं? आपको ऐसा करने के लिए किसने अधिकृत किया? क्या अब आप फ्लाइट में सब्जियों, चिकन और यात्रियों को भी सांप्रदायिक बनाने जा रहे हैं? मैं इस व्यवहार से इतनी शॉक्ड थी कि मैंने आपकी फ्लाइट के दो मील्स बुक कर लिए.
पोस्ट के साथ आरती ने अपने टिकट और मील के डीटेल वाली फोटो भी शेयर की.
पोस्ट को लेकर बवाल हुआ. फिर कुछ सोशल मीडिया यूजर्स ने आरती को बताया कि खाने के कोड एयरलाइन तय नहीं करती है बल्कि ये पूरी इंडस्ट्री में मानकीकृत होते हैं.
अवियालाज कंसल्टेंट्स के CEO संजय लजार ने मामले पर जानकारी दी,
मैम, कुछ कहने लिखने से पहले जांच कर लेना हमेशा अच्छा होता है. सामान्य विमानन भाषा में हिंदू भोजन (HNML) शाकाहारी हो, ये जरूरी नहीं. वो एक नॉन वेज मील भी हो सकता है जो कि हलाल नहीं है. इसी तरह मुस्लिम भोजन (MOML) वो मांसाहारी भोजन है जो हलाल है. आपको पता चलेगा कि विस्तारा ने सही काम किया है और मैंने जो कहा है उसे वेरिफाई करने के लिए आप गूगल भी कर सकते हैं.
संजय लजार ने इस पोस्ट के साथ तमाम मील्स के कोड भी शेयर किए.
इधर जेट एयरवेज के पूर्व CEO संजीव कपूर ने लिखा,
ये मानक अंतरराष्ट्रीय भोजन कोड हैं जिनका इस्तेमाल केवल विस्तारा में ही नहीं बल्कि GDS बेस्ड एयरलाइन्स में विश्व स्तर पर किया जाता है. हालांकि, मुझे लगता है कि इन पुराने और कुछ हद तक पेचीदा फूड कोड को अपडेट करने की जरूरत है.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (IATA) एयरलाइंस, कैटरिंग सेवाओं और ग्राउंड स्टाफ को खाने की जरूरतों को मैनेज करने और एयरलाइंस में एकरूपता सुनिश्चित करने में मदद करने के लिए मानकीकृत भोजन कोड देता है.
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