अमेरिका की सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी (CIA) ने दावा किया है कि अमेरिकी हवाई हमले में ईरान (Iran) के न्यूक्लियर प्रोग्राम (Nuclear programme) को बहुत बड़ा नुकसान पहुंचा है. CIA के मुताबिक ईरान को इस नुकसान की भरपाई करने में कई साल लग जाएंगे.
'ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम को बहुत बड़ा नुकसान पहुंचा', CIA ने आकलन करने के बाद जारी की रिपोर्ट
Middle East में US के विशेष दूत Steve Witkoff ने कहा है कि अमेरिका ईरान को यूरेनियम संवर्धन करने या परमाणु हथियार बनाने की अनुमति नहीं देगा. इस बीच CIA ने दावा किया है कि अमेरिकी हमले में ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम को काफी नुकसान पहुंचा है.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी (CIA) के चीफ जॉन रैटक्लिफ ने एक आधिकारिक बयान जारी कर बताया,
CIA की रिपोर्ट में ऐतिहासिक रूप से विश्वसनीय और सटीक तरीके से जुटाई गई खुफिया जानकारी शामिल है. ईरान ने जो कुछ खोया है उसे फिर से बनाने में कई साल लगेंगे.
इससे पहले CNN ने पेंटागन की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए जानकारी दी थी कि अमेरिकी हवाई हमले में ईरान के न्यक्लियर प्रोगाम को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा है. इस हमले ने बस ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम को कुछ महीने पीछे धकेला है.
इस रिपोर्ट में ये भी बताया गया था कि अभी ईरान के न्यूक्लियर प्रोगाम को होने वाले नुकसान का आकलन किया जा रहा है. और ज्यादा खुफिया जानकारी उपलब्ध होने पर इसमें बदलाव हो सकता है. लेकिन शुरुआती नतीजे राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के बार-बार किए गए दावों से मेल नहीं खाते हैं. डॉनल्ड ट्रंप ने दावा किया था कि ईरान के न्यूक्लियर फैसिलिटीज को पूरी तरह से नष्ट कर दिया गया है.
अमेरिका ईरान को परमाणु हथियार नहीं बनाने देगामिडिल ईस्ट में अमेरिका के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ ने कहा है कि अमेरिका ईरान को यूरेनियम संवर्धन करने या परमाणु हथियार बनाने की अनुमति नहीं देगा. उन्होंने कहा कि कुछ सीमाएं तय की गई हैं, जिन्हें पार नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने आगे कहा,
अमेरिका और इजरायल दोनों ने अपना उद्देश्य हासिल कर लिया है. हम हथियार नहीं बनाने दे सकते. इससे पूरा क्षेत्र अस्थिर हो जाएगा. उस स्थिति में सभी को बम की जरूरत होगी. और हम ऐसा नहीं कर सकते.
ईरान और इजरायल के बीच सीजफायर होने के बाद अब अमेरिका ईरान के संपर्क में है. स्टीव विटकॉफ ने बताया,
अमेरिका और ईरान के बीच बातचीत सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रही है. और अब तक की बातचीत अच्छी रही है. उन्होंने उम्मीद जताई कि वाशिंगटन और तेहरान एक लॉन्ग टर्म शांति समझौते तक पहुंच जाएंगे.
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इजरायल ने 13 जून को ईरान के खिलाफ एक सैन्य अभियान लॉन्च किया था. इस हमले में ईरान के कई टॉप मिलिट्री कमांडर और परमाणु वैज्ञानिक मारे गए थे. इसके बाद ईरान ने भी जवाबी कार्रवाई की थी. यह संघर्ष 12 दिनों तक चला. फिर अमेरिकी हस्तक्षेप के बाद दोनों देशों के बीच सीजफायर हुआ.
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