Hey, मैं समय हूं. जब जब इस युग में धर्म का मजाक उड़ाया जाएगा, तब तब भावना आहत का साथ पाकर विरोध दर्ज कराएगी.
केजरीवाल ने हड़काया तो विशाल ददलानी बोले- धर्म की जय हो, राजनीति की टें हो
जैन मुनि तरुण सागर के कड़वे प्रवचन पर विशाल ने कही थी कड़वी बात.
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फोटो - thelallantop
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कड़वे प्रवचन वाले जैन मुनि तरुण सागर. हरियाणा विधानसभा में अपने स्त्री विरोधी प्रवचन को लेकर दो दिन से लोगों की कड़वाहट झेल रहे हैं. जैन मुनि तरुण की कड़वाहट पर दागी दो कड़वाहट लोगों को हर्ट कर गई. ये दो सज्जन हैं सिंगर + AAP लीडर= विशाल ददलानी और सोशल एक्टिविस्ट तहसीन पूनावाला. कड़वाहट से कड़वाहट का आलम ये रहा कि विशाल ने राजनीति को टाटा कर दिया. तरुण सागर की बात से विशाल इस कदर खफा हुए कि आलोचना और आहत कर देने के बीच की बारीक लाइन पार कर गए. विशाल ददलानी ने विधानसभा के भीतर की तस्वीर के साथ ट्वीट कर कहा,
विशाल के इस ट्वीट में जो गड़बड़ है, वो ट्वीट के आखिरी लाइन में है. किसी के धर्म का मजाक उनके कपड़े न पहनने की वजह से नहीं उड़ाना चाहिए. अगर लाखों लोगों को उनमें विश्वास है तो ऐसे मजाक उड़ाना कतई गलत है. विरोध या आलोचना वैचारिक और तार्किक होनी चाहिए, अच्छे दिन से कच्छे दिन का रिदम सेट करने की लालसा में बाउंड्री क्रॉस नहीं की जानी चाहिए. बहरहाल, विशाल ददलानी ने ये काम ट्विटर पर कर डाला. बात पहुंची पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल और सत्येंद्र जैन के धोरे. दोनों ने बारी-बारी से ट्वीट कर तरुण सागर की तारीफ की. अरविंद केजरीवाल ने लिखा, 'तरुण सागर जी महाराज पूजनीय संत हैं. न सिर्फ जैनों के लिए, बल्कि सभी के लिए. जो लोग उनका अनादर कर रहे हैं, ये दुर्भाग्यजनक है. उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए.' दिल्ली के हेल्थ मिनिस्टर सत्येंद्र जैन ने जैन मुनि तरुण सागर से माफी मांगी. लिखा, जैन समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए मैं अपने दोस्त विशाल की तरफ से माफी मांगता हूं.
अब जब विशाल ददलानी ने ये ट्वीट देखे तो लगा कि गलती हो गई. फौरन ट्वीट कर कहा, 'बुरा लग रहा है कि मेरे जैन साथियों, अरविंद केजरीवाल और सतेंद्र जैन को दुख पहुंचा है. मैं सक्रिय राजनीति से खुद को अलग करता हूं.' विशाल ने अपने कई ट्वीटस में माफी मांगते हुए कहा, 'मैं सबसे माफी मांगता हूं. मैं बस ये कहना चाहता हूं कि राजनीति से धर्म को अलग रखना चाहिए.'
अब बात तहसीन पूनावाला की. विशाल से चार कदम आगे निकलते हुए इन महोदय ने एक बिकिनी गर्ल की तस्वीर और तरुण मुनि का कोलाज बनाया. लिखा, 'ये नंगा आदमी क्यों पवित्र है, तब जबकि ये राज्य की विधानसभा में नंगे चले गए. अगर एक औरत ऐसा करे तो उसे स्लट कहा जाएगा.'
कहना न होगा कि ये भी सीमा लांघ गए. मान्यताओं की वजह से अगर कोई कपड़े नहीं पहन रहा है तो उसे अपने कुतर्कों की वजह से तोलना गलत है. हालांकि ये ट्वीट उनने बाद में डिलीट कर दिया.
'अगर आपने इन लोगों के लिए वोट डाला है, तो इस बेतुकी बकवास के लिए आप लोग जिम्मेदार हैं. अच्छे दिन नहीं आए, बिना कच्छे के दिन आ गए.'




जानिए क्या बोले थे तरुण सागर?
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