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मनमोहन या मोदी: किसके राज में ज्यादा आतंकी मारे गए?

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे मेसेज की सच्चाई जान लीजिए.

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सोशल मीडिया पर वायरल फोटो और उसकी सच्चाई. (सोर्स- ऑल्ट न्यूज)

2019 का लोकसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है वैसे ही मोदी सरकार के कामकाज की तुलना पिछली सरकार के कामों से की जा रही है. इसी तुलना में मोदी सरकार के समर्थक और विपक्षी सोशल मीडिया पर जोरदार प्रचार करने में लगे हुए हैं. इसी के बीच वो फेक न्यूज भी फैला रहे हैं. एक मेसेज सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. इस मेसेज में लिखा है-


मोदी के 4.5 साल का शासन 61 आम लोग मरे 200 जवान शहीद ओर 1701 आतंकी मारे

और

मनमोहन सिंह का 10 साल का शासन 1788 आम लोग मरे 1177 जवान शहीद ओर सिर्फ 241 आतंकी मारे

अब देश बताये कौन है देश का असली सुरक्षा कवच और रक्षक जिस पर भारत भरोसा करे

सोशल मीडिया पर वायरल मेसेज.
सोशल मीडिया पर वायरल मेसेज.

इस मेसेज के साथ में एक अखबार की क्लिप भी वायरल हो रही है. इस न्यूजपेपर क्लिप में भी यही सब लिखा है. साथ में मनमोहन सिंह और नरेंद्र मोदी की फोटो लगी हैं.


सोशल मीडिया पर वायरल हो रही अखबार की क्लिप.
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही अखबार की क्लिप.

अकसर फेक न्यूज फैलाने वाले कुछ ट्विटर हैंडल्स जैसे गौरव प्रधान (इन्हें मोदी भी ट्विटर पर फॉलो करते हैं) और नीतू जैसे हैंडल्स ने शेयर किया है जिसको अब तक हज़ारों लोगों ने रिट्वीट किया है.


परेश रावल का ट्वीट.
परेश रावल का ट्वीट.

बीजेपी सांसद परेश रावल ने भी इसे रिट्वीट किया है. साथ ही, फेसबुक और वॉट्सऐप पर भी यह जमकर शेयर हो रहा है.


फेसबुक पर वायरल हो रहा मेसेज.
फेसबुक पर वायरल हो रहा मेसेज.

वॉट्सऐप पर वायरल हो रहा फोटो.
वॉट्सऐप पर वायरल हो रहा फोटो.

सच्चाई क्या है?

इस दावे की सच्चाई पता करने के लिए हमने गृह मंत्रालय की वेबसाइट वेबसाइट पर सर्च किया. दो डॉक्यूमेंट्स ऐसे थे जो इस वायरल मेसेज की सच्चाई बता रहे थे. 20 दिसंबर, 2017 को समाजवादी पार्टी से पूर्व राज्यसभा सदस्य नरेश अग्रवाल ने गृह मंत्रालय से 3 सवाल पूछे
थे. पहले सवाल में पूछा गया कि क्या ये सच है कि नई सरकार के आने के बाद कश्मीर घाटी में शहीद होने वाले सुरक्षाबलों के जवानों की संख्या बढ़ गई है. दूसरे सवाल में पूछा कि अगर ये सच है तो ऐसा क्यों है. और तीसरे सवाल में कश्मीर घाटी में हुई सभी आतंकी घटनाओं और उनमें शहीद हुए सुरक्षाकर्मियों की संख्या पूछी गई. इन सवालों के जवाब में गृह मंत्रालय ने साल 2004 (जिसमें मई तक अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार थी) से 14 दिसंबर, 2017 तक के आंकड़े दिए. इन आंकड़ों में स्पष्ट दिख रहा है कि सबसे ज्यादा आतंकी घटनाएं 2004 में हुईं थीं. और इसी साल सबसे ज्यादा आतंकी मारे गए थे. और अगले सालों में ये संख्या कम होती गई. 2013 में आतंकी हमलों और इनमें मारे गए आतंकियों की संख्या भी न्यूनतम पर पहुंच गई. 2014 से फिर इसमें बढ़ोत्तरी हुई. साथ ही, सुरक्षाकर्मियों के शहीद होने की संख्या भी 2004 में सबसे ज्यादा 281 सुरक्षाकर्मी शहीद हए. 2012 में ये संख्या सबसे कम 15 थी. 2013 के बाद से ये संख्या फिर बढ़ गई. ये सभी आंकड़े नीचे देख सकते हैं.


नरेश अग्रवाल के सवाल का गृह मंत्रालय ने दिया जवाब.
नरेश अग्रवाल के सवाल का गृह मंत्रालय ने दिया जवाब.

गृह मंत्रालय की साल 2017-18 की एनुअल रिपोर्ट में 31 दिसंबर, 2017 तक के आंकड़े हैं. इसमें 2017 में 342 आतंकी घटनाएं हुई हैं. इनमें 80 जवान शहीद हए. 40 आम नागरिक मारे गए और 213 आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया गया.


गृह मंत्रालय की एनुअल रिपोर्ट.
गृह मंत्रालय की एनुअल रिपोर्ट.

साउथ एशिया टेरिरिज्म पोर्टल पर साल 2004 से साल 2018 तक भारत में हुई सभी आतंकी घटनाओं और उनमें शहीद हुए सैनिकों और मारे गए आतंकियों और आम नागरिकों का डेटा है. ये डेटा कहीं भी वायरल मेसेज में दिए डेटा से मेल नहीं खाता.


SATP का डेटा.
SATP का डेटा.

सरकार के मुताबिक असलियत क्या है?
सरकारी आंकड़ो के मुताबिक 2004 से 2009 तक 3,295 आतंकी, 2009 से 2014 तक 710 आतंकी और 2014 से 2018 तक 581 आतंकी मारे गए हैं. साथ ही 2004 से 2009 तक 806 जवान, 2009 से 2014 तक 249 जवान और 2014 से 2018 तक 248 जवान शहीद हुए.

तो फिर ये अखबार की वायरल कटिंग कहां से आई?

ये दैनिक भास्कर अखबार की क्लिप है जिसे एडिट किया गया है. दैनिक भास्कर की खबर में लिखा गया है-


अटल के 6 साल: 10147 आतंकी मारे एनडीए सरकार का नेतृत्व कर रहे अटल बिहारी वाजपेयी का कार्यकाल मार्च 1998 से मई 2004 तक रहा। 1998 से 2003 तक की समयावधि में देखें तो मारे गए आम नागरिकों की संख्या 5082 रही। वहीं सुरक्षा बल के 2929 जवान शहीद हुए। मगर 10147 आतंकी मार दिए गए।

मनमोहन के 10 साल: 4241 आतंकी मारे यूपीए सरकार यानी मनमोहन का प्रधानमंत्री के रूप में कार्यकाल मई 2004 से मई 2014 तक रहा। 2004 से 2013 तक देखें तो 1788 आम लोग, 1177 जवान तथा 4241 आतंकी मारे गए हैं। हालांकि इनके पहले कार्यकाल में 3424 आतंकी सेना ने मार गिराए।

मोदी के 4.5 साल: 701 आतंकी मारे भाजपा के पूर्णबहुमत के साथ नरेंद्र मोदी मई 2014 से प्रधानमंत्री है। इस बीच 17 जून 2018 तक 161 आम नागरिक आतंकी घटनाओं का शिकार बने। सुरक्षा बल के 303 जवान भी शहीद हो गए। मगर सेना ने 701 आतंकियों को मार गिराने में सफलता हासिल की.

दैनिक भास्कर की खबर का स्क्रीनशॉट.
दैनिक भास्कर की खबर का स्क्रीनशॉट.

लेकिन इस खबर को एडिट कर मनमोहन सिंह वाले कॉलम में 4241 को 241 कर दिया गया है. हालांकि दैनिक भास्कर ने अपनी जानकारी का सोर्स नहीं बताया है. फैक्ट चैकिंग साइट ऑल्टन्यूज
ने भी इस वायरल मेसेज की सच्चाई पता लगाई.

हमारी पड़ताल में ये मेसेज गलत साबित हुआ. ये सरकार द्वारा जारी किए गए आंकड़ों से कहीं भी मेल नहीं खाता है.

इसको रोकने के लिए क्या करें?


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