सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने आम आदमी पार्टी के पूर्व कम्युनिकेशन हेड विजय नायर (Vijay Nair) को बड़ी राहत दी है. दिल्ली के शराब नीति मामले में कोर्ट ने दो सितंबर को उन्हें जमानत दे दी. नायर पिछले 23 महीनों से जेल में बंद थे. Enforcement Directorate (ED) की तरफ से नायर पर आरोप है कि उन्होंने शराब कारोबारियों और आम आदमी पार्टी के टॉप लीडरशिप के बीच मीडिएटर की भूमिका निभाई थी. नायर से पहले मनीष सिसोदिया, संजय सिंह और के कविता को इस मामले में जमानत मिल चुकी है. जबकि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अभी भी जेल में बंद हैं.
शराब नीति मामले में विजय नायर को मिली सुप्रीम कोर्ट से जमानत
Supreme Court ने आम आदमी पार्टी के पूर्व कम्युनिकेशन हेड Vijay Nair को जमानत देते हुए कहा कि याचिकाकर्ता 23 महीनों से हिरासत में है. ट्रायल शुरू नहीं हुआ है और अंडरट्रायल के रूप में सजा नहीं दी जा सकती है.

Bar and bench की रिपोर्ट के मुताबिक कोर्ट ने लंबे समय तक जेल में रहने और ट्रायल में देरी को कारण बताते हुए उन्हें राहत दी. न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी की पीठ के मुताबिक ED अदालत को दिए गए आश्वासन के बावजूद समय पर सुनवाई पूरी नहीं कर पाई. अदालत ने कहा,
“मौजूदा केस में याचिकाकर्ता 23 महीनों से हिरासत में है. ट्रायल शुरू नहीं हुआ है और अंडरट्रायल के रूप में सजा नहीं दी जा सकती है. ट्रायल शुरू किए बिना यदि विजय नायर को कैद में रखा गया तो 'जेल अपवाद और बेल नियम' के सिद्धांत की हार हो जाएगी.”
ये भी पढ़ें: दिल्ली शराब नीति मामले में के कविता को जमानत, सुप्रीम कोर्ट ने ED-CBI की निष्पक्षता पर उठाए सवाल
अदालत ने सुनवाई के दौरान मनीष सिसोदिया का भी जिक्र किया और कहा,
“जब मनीष सिसोदिया का मामला इस अदालत में आया था, तो ED की तरफ से आश्वासन दिया गया था कि छह से आठ महीने के भीतर मुकदमा समाप्त हो जाएगा. लेकिन जैसा कि देखा जा सकता है, मुकदमा अभी तक शुरू नहीं हुआ है. जबकि 30/10/23 को ED की तरफ से 6 से 8 महीने के भीतर मुकदमे के शीघ्र समापन का आश्वासन दिया गया था. अब तक 40 लोगों को आरोपी बनाया गया है. अभियोजन पक्ष लगभग 350 गवाहों की जांच करना चाहता है.”
नायर AAP के कम्युनिकेशन इनचार्ज रहे हैं. इससे पहले वो एक इवेंट मैनेजमेंट कंपनी 'Only Much Louder' के CEO भी रहे हैं, जो लाइव म्यूजिक फेस्टिवल्स का आयोजन करती है और ‘AIB’ जैसे कॉमेडी संस्थान को मैनेज भी कर चुकी है. साल 2014 से ही नायर पार्टी के लिए फंड इकट्ठा करने वाले अभियानों का हिस्सा रह चुके थे और अब पार्टी के मीडिया और कम्युनिकेशन के पीछे उनका ही हाथ बताया जाता है. कहा जाता है कि विजय नायर ये काम बिना किसी औपचारिक पद को ग्रहण किए कर रहे थे.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2020 में चुनाव जीतने के बाद AAP का कॉन्ट्रैक्ट अपने पिछले मीडिया एडवाइजर के साथ समाप्त हो चुका था और इस काम के लिए एक नई टीम बनाई गई. हिंदी की टीम अलग और अंग्रेजी की अलग. जिसमें दो पूर्व पत्रकारों को नोडल ऑफिसर नियुक्त किया गया. इन सबके पीछे विजय नायर की ही स्ट्रेटिजी थी. बताया जाता है कि फरवरी 2022 से ही AAP का पूरा कम्युनिकेशन विंग नायर के हाथ में ही था. दिल्ली और बाकी राज्यों में सोशल मीडिया से लेकर फंड इकट्ठा करने तक पूरी ज़िम्मेदारी नायर के कंधों पर ही थी.
नायर उन लोगों में से थे, जिसे शराब घोटाले में सबसे पहले गिरफ्तार किया गया था. नायर के खिलाफ आरोप है कि वो ऐसा व्यक्ति था, जिसे 'साउथ ग्रुप' शराब लॉबी की तरफ से 100 करोड़ रुपये की कथित रिश्वत पहुंचाई गई थी. ये भी आरोप है कि नायर ने 'फेसटाइम' ऐप पर शराब घोटाले के मुख्य आरोपी समीर महेन्द्रु की अरविंद केजरीवाल से बात कराई थी. समीर महेन्द्रु शराब कारोबारी है और वो इस केस में आरोपी भी है. केजरीवाल ने समीर से कहा कि वो AAP के कम्यूनिकेशन इनचार्ज विजय नायर पर भरोसा करें. दिसंबर 2022 में ED ने शराब घोटाला मामले में चार्जशीट दाखिल की थी. जिसमें ED ने विजय नायर को CM अरविंद केजरीवाल का 'बेहद करीबी' बताया था. विजय नायर को पहले CBI और फिर ED ने गिरफ्तार कर लिया था. दिल्ली हाई कोर्ट ने जुलाई 2023 में नायर को जमानत देने से इनकार कर दिया था. जिसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था.
वीडियो: दिल्ली शराब नीति घोटाले में CBI ने विजय नायर को धरा, AAP ने BJP पर क्या आरोप लगाए?