ठंड के महीने में ऑनलाइन और ऑफलाइन मार्केट, दोनों जगह एक जैकेट खूब देखने को मिलती है. जिसे हम सभी वर्सिटी जैकेट के नाम से पहचानते है. ये जैकेट सर्दी कितना रोक पाए ये तो नहीं पता, नफरत नहीं रोक पा रही. रील्स की दुनिया में इसके Stonks 📉 (मीम की भाषा में ये एक स्लैंग है) खूब गिरे हुए हैं. काफी नफरतें बटोर रही है. ये ज्यादातर काले रंग में सफ़ेद आस्तीन के साथ देखने को मिलती है. लेकिन क्या है इसके पीछे का इतिहास? आइए पूरी कहानी बताते हैं.
इसका इतिहास 1865 में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से शुरू हुआ था. उस वक़्त हार्वर्ड की बेसबॉल टीम में पहली बार वहां के प्लेयर्स ने अपनी यूनिफार्म पर बड़ा सा अंग्रेजी का पैच सिल दिया था. उस पैच पर लिखा था 'एच'. शायद एच स्टैंड्स फॉर हार्वर्ड (ये हम मान कर चल रहे हैं) लेकिन अभी तक हार्वर्ड ने ऑफिशियल यूनिफार्म वेर्सिटी जैकेट नहीं बनाई थी.
हार्वर्ड में पहनी जाने वाली यूनिफॉर्म मूल रूप से एक मोटा-बुना हुआ ग्रे स्वेटर था और इसके बीच में बड़ा सा 'एच' सिलने के बाद से लोग इसे लेटरमैन स्वेटर के फॉर्म में जानने लगे थे.
बाद में सभी बेसबॉल प्लेयर्स को ये स्वेटर खेलते समय पहनने को मिले. कुछ को अच्छे खेल के चलते लेटरमैन स्वेटर अपने पास रखने को मिल गए. जबकि बाकी प्लेयर्स को सीजन के एंड में अपने लेटरमैन स्वेटर वापस करने पड़े. ऐसा कहा जाता है कि हार्वर्ड की टीम ने 10 साल बाद ऐसे लेटरमैन स्वेटर को अपने यूनिफॉर्म की तरह अपनाया था. धीरे-धीरे इस यूनिफॉर्म का रूप बदला, कार्डिगन ने पुलओवर की तुलना में लोकप्रियता हासिल की. बाद में कूल दिखने के लिए 'एच' लैटर को जैकेट की डिजाइन में सेंटर से साइड की तरफ शिफ्ट किया गया. वैसे मैं ये बताना या आप ये समझना भूले/भूलीं तो नहीं कि ऑबवियस्ली वर्सिटी का नाम यूनिवर्सिटी से ही आया है.
आज का वर्सिटी जैकेट
जल्द ही, देश भर के अलग-अलग स्कूलों ने कॉलेजों की नकल में यही जर्सी चलवा दी. 1930 तक, यूनिवर्सिटी में पहनी जाने वाली वर्सिटी जैकेट उस तरीके की आने लगी जिससे आज हम सबसे ज्यादा फेमिलियर हैं. माने ऊनी जैकेट, चमड़े की आस्तीन और Chenille lettering. रंग ब्लैक एंड वाइट. आज मार्केट में जो मॉडर्न वर्सिटी जैकेट मिलती है, उसमें पॉकेट भी आती है. बोले तो स्मार्टफोन फ्रेंडली. पिछले कुछ सालों में फैशन के दौर में बदलाव के चलते, जैकेट में भी चेंज्स आए हैं. जैसे अलग-अलग रंग. तरह-तरह के लेटर्स. लेकिन एक चीज़ जो नहीं बदली है वो है आज भी सर्दियों में वर्सिटी जैकेट पहनने का फैशन.
पॉप कल्चर और जैकेट
अगर हम 20वीं सदी को देखें तो वर्सिटी जैकेट के Stonks 📈चढ़े हैं. कुछ हद तक इसका श्रेय हॉलीवुड मूवीज और पॉप स्टार्स को जाता है. आसपास उदाहरणार्थ देखें तो हाल ही में Netflix पर Archies में रेज्जी का रोल निभाने वाले वेदांग रैना ने ये जैकेट पहन कर फोटो पोस्ट की थी. इसके पहले हम सुपर मॉडल हैली बिबर और सिंगर SZA को भी वर्सिटी जैकेट पहने हुए देख चुके हैं. बॉलीवुड सेलिब्रिटीज खुशी कपूर, आदित्य रॉय कपूर और कार्तिक आर्यन भी इस लिस्ट में शामिल है. अब भला जब ये सभी पहनेंगे तो ये ट्रेंड क्यों नहीं बनेगी?
युवाओं में जैकेट मशहूर है. ब्रांड पर खरीदने जाइए तो वर्सिटी छोड़िए, आम जैकेट की जेब में गहरा छेद हो जाए. इसलिए बटुआ फ्रेंडली इनफ्लुएंसर सस्ते में महंगे का जुगाड़ भी ले आते हैं. सरोजनी पहुंचाते हैं.
वर्सिटी जैकेट पहनने के बाद अगर वो शरीर से चिपक जाए. पेट के पास मुड़कर टापू सा बना ले और एस्थेटिक की जगह मामला पैथेटिक नज़र आने लगे तो न घबराएं. लोगों ने वर्सिटी जैकेट्स के तमाम स्टाइलिंग आइडियाज भी जनसेवा में थोक के भाव परोस रखे हैं. आप इनसे स्टाइलिंग आइडिया चेंप सकते हैं.
लेकिन कोई भी चीज़ हद से ज्यादा होने पर बुरी लगने लगती है. ऐसा इस जैकेट को भी अपने साथ देखने को मिला. पहले ये जैकेट सिर्फ स्पोर्ट्स खेलते वक़्त पहनी जाती थी और लिमिटेड स्टोर पर मिलती थी लेकिन, अब ये इतनी आम हो गई है कि जगह-जगह यही देखने को मिलेगी. जिसकी वजह से ये ट्रेंड की जगह नफरत का शिकार बन गई.
आज कल इंस्टाग्राम पर एक रील जमकर चल रही है. लोग इसे खूब शेयर कर रहे हैं. रील में एक बंदा बता रहा है कि ठंड से मर जाऊंगा लेकिन ये जैकेट कभी नहीं पहनूंगा. लोगों ने इस रील पर कमेंट करके बताया किस तरीके से ये जैकेट बाज़ार में ओवर कॉमन हो चुकी है. शिवांगी नाम की यूजर लिखती है
300 रुपए में मिलती है ऑनलाइन.
अंकिता नाम की यूजर ने लिखा
कोई इज्ज़त नहीं रही इस जैकेट की अब.
वैसे आपका इस पूरे मामले पर क्या कहना है. हमें कमेंट करके बताइए और ऐसी ही वायरल खबरों के लिए पढ़ते रहिए दी लल्लनटॉप.