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यूपी : साधुओं ने बंदे को बहलाकर समाधि दिलवा दी, पुलिस पहुंची तो इस हाल में मिला!

साधु अरेस्ट, मुकदमा दर्ज, समाधि स्थल सील

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पुलिस मौके पर पहुंची तो बची युवक की जान | फोटो: आजतक

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के उन्नाव (Unnao) में अंधविश्वास का एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है. यहां 22 साल के युवक ने मोक्ष पाने के लिए जमीन में समाधि ले ली. हालांकि, समय रहते पुलिस मौके पर पहुंच गई और युवक को बचा लिया. इस मामले में उन्नाव पुलिस ने चार साधुओं को गिरफ्तार किया है.

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आजतक से जुड़े विशाल सिंह चौहान के मुताबिक ये मामला उन्नाव के बांगरमऊ इलाके के ताजपुर गांव का है. ग्रामीणों ने बताया कि रविवार, 25 सितंबर की शाम को गांव के एक मंदिर के पास कुछ साधु इकट्ठे हुए. इन्होंने मिलकर पूजा-पाठ करना शुरू किया. एक बड़ा-सा गड्ढा खोदा गया. देखते ही देखते उनके ही गांव के युवक शुभम को इस गड्ढे में उतार दिया गया. पूछने पर पता चला कि शुभम समाधि ले रहा है. और पूजा-पाठ के बाद कुछ देर में इस गड्ढे को पूरी तरह बंद कर दिया जाएगा. इसके बाद गांव वालों ने पुलिस को सूचना दी.

पुलिस पहुंची तो जमीन में गाड़ चुके थे 

बांगरमऊ के क्षेत्राधिकारी (सीओ) पंकज कुमार सिंह ने आजतक को घटना की जानकारी देते हुए बताया,

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“ताजपुर गांव का एक युवक शुभम जो कर्मकांडो पर विश्वास रखता है, कुछ दिन पहले कुछ पुजारियों के संपर्क में आया था. इन पुजारियों ने उसे बरगलाया कि अगर वो समाधि ले लेगा तो उसे सिद्धि प्राप्त हो जाएगी. नवरात्रि से एक दिन पहले शुभम को जमीन में गड्ढा खोदकर बिठा दिया और ऊपर से मिट्टी डाल दी. गांव वालों ने इसकी सूचना थाने पर दी. स्थानीय थाने के कर्मचारी तुरंत हरकत में आए और मौके पर पहुंचे.”

सीओ पंकज कुमार सिंह ने आगे बताया,

“पुलिस टीम जब मौके पर पहुंची तो शुभम समाधि ले चुका था. 4 साधु उसे दफन कर मिट्टी के ऊपर लाल झंडा लगा रहे थे. पुलिस ने बिना देरी किए मिट्टी हटवाकर शुभम को गड्ढे से बाहर निकाला. वो जीवित था. मौके पर मौजूद चारों साधुओं को गिरफ्तार कर लिया गया है. उन पर मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेजने की तैयारी की जा रही है. मामले की जांच जारी है.”

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शुभम ने पुलिस को क्या बताया?

आजतक से जुड़े विशाल सिंह चौहान के मुताबिक शुभम ने पुलिस बताया कि वह मोक्ष पाना चाहता था, इसलिए नवरात्र से एक दिन पहले उसने समाधि लेने का संकल्प लिया था. वहीं, मौके पर पकड़े गए साधुओं का कहना है कि शुभम 4 साल से गांव के बाहर झोपड़ी बनाकर रह रहा था और काली माता की मूर्ति रखकर पूजा-पाठ करता था. पुजारियों के मुताबिक उन्होंने उसे समाधि लेने से रोका, पर वह नहीं माना. इसके बाद गड्ढा खोदकर उसे लिटाया गया. ग्रामीणों ने बताया कि शुभम अपनी मां की मौत के बाद से ही पूजा-पाठ में लगा रहता था.

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