हां, तो लड़के थे. गलती हो गई. एक बार फिर से.
न न. कहीं कोई रेप नहीं हुआ. हुआ होगा. मगर ऐसा नहीं हुआ कि बड़ी खबर बने. बड़े बयान आएं. बड़ी ललपर्दा गिराऊ ब्रेकिंग चले. तो फिर क्या हुआ.
हुआ ये कि सीएम के पापा, समाजवादी पार्टी के भी पापा मुलायम सिंह यादव जी का नया घर बना. इटावा में. सिविल लाइंस इलाके में. नई जमीन पर नहीं बना. पुराने मकान को ही तोड़कर बना. खूब सुंदर बना.

'नेताजी' का नया घर
और जो मकान बना तो फिर गृह प्रवेश का इंतजाम भी हुआ. फूल माला लगे. सीएम आए. उनकी पत्नी आईं. सांसद कन्नौज. इटावा का पड़ोसी जिला. छोटा बेटा प्रतीक भी आया. उनकी पत्नी यानी नेता जी की छोटी बहू भी आईं. अपर्णा. लखनऊ के कैंट से चुनाव लड़ रही हैं. अभी यहां से रीता बहुगुणा जोशी विधायक हैं. हेमवती नंदन बहुगुणा की बेटी हैं. एक बार उन्होंने दलितों की बेटी मायावती के लिए बहुत हलकी बात कही थी. उनके भइया आजकल कांग्रेस से कट्टी हैं. वो का है कि पहिले तो ऊ थे सीएम. बेटा साकेत भी अच्छा मोटिवेशन दे रहा था सबको. मगर फिर बाबा केदारनाथ बाढ़ की चपेट में आ गए. विजय बाहर, हरीश भीतर. अब विजय बगावत कर रहे हैं. बच्चन अमिताभ की तरह.

अमिताभ से हमको फिर मुलायम याद आ गए. उनके घर का हाल बता रहे थे. नेता हैं. अपना तो कुछ भी नहीं होता जनसेवकों का. जैसे ऐहसान मेरे दिल पे तुम्हारा है दोस्तों. वैसे ही ये नेता कार्यकर्ताओं के उत्साह का मारा है दोस्तों.
कार्यकर्ता लोग आए. खूब आए. घर देखा. लड्डू देखे. और टूट पड़े. अफरा तफरी सी मच गई.
फिर वही आए जो हमेशा ऐसे मौकों पर आते हैं. पुलिस वाले. उन्होंने कहा, शांत हो जाओ भइया. सबको बारी बारी से बांटेंगे.
आप कहेंगे फोटू दिखाओ. हम कहेंगे. कार्यकर्ता अंदर थे, मीडिया नहीं. तो खबरें बाहर आईं, तस्वीरें नहीं.
पर याददाश्त फ्लैशबैक वाली बत्ती चमका रही है गुरु. एक जगह नेता जी भी थे. उनके बाद कार्यकर्ता भी थे. और दोनों ही मौकों पर कैमराधारी पत्रकार भी.
मौका था भइया में भइया अखिलेश भइया के शपथ ग्रहण का. राजकुमार राजतिलक के बाद गए और फिर देखिए क्या हुआ मंच पर. प्योर जनतांत्रिक नजारा. सशक्तीकरण. कार्यकर्ता है तो नेता हैं.

बाकी मुलायम सिंह यादव जी को परिवार समेत नए घर की बधाई. जैसे इनके घर बने. यूपी में सबके बनें.
रामनवमी की यूपी सरकार की तरफ से सभी को बधाई. लड्डू भी स्क्रीन पर ही खाओगे क्या.