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सैकड़ों भारतीयों को दिलाई अवैध एंट्री, करोड़ों वसूले, अमेरिका में धरा गया भारतीय मूल का शख्स

एक अमेरिकी अटॉर्नी टेसा एम. गोर्मन ने कहा कि दोषी ने पिछले चार सालों में 800 से भी अधिक भारतीय नागरिकों को कनाडा से उत्तरी सीमा के जरिए अमेरिका में अवैध रूप से एंट्री दिलाई. इस दौरान उसने इन लोगों सें मोटी रकम भी वसूली थी.

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भारतीय मूल के व्यक्ति को अमेरिका में सजा. (सांकेतिक फोटो: Unsplash)

अमेरिका में मानव तस्करी और मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में भारतीय मूल के रजिंदर पाल सिंह को सजा सुनाई गई है. USA की डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने दोषी को 45 महीने की सजा सुनाई है. दोषी ने कैब कंपनी उबर के जरिए 800 से अधिक लोगों की तस्करी की थी. उसे इस साल फरवरी में इसका दोषी पाया गया था. जिसके बाद रजिंदर पाल सिंह ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया था.

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कोर्ट ने 27 जून को कैलिफोर्निया के रहने वाले रजिंदर पाल सिंह को सजा सुनाई. न्यूज एजेंसी PTI  रिपोर्ट के मुताबिक, एक अमेरिकी अटॉर्नी टेसा एम. गोर्मन ने कहा कि दोषी ने पिछले चार सालों में 800 से भी अधिक भारतीय नागरिकों को कनाडा से उत्तरी सीमा के जरिए अमेरिका में अवैध रूप से एंट्री दिलाई. इस दौरान उसने इन लोगों सें मोटी रकम भी वसूली थी.

सैकड़ों लोगों को दिलाई USA में एंट्री

अमेरिकी अटॉर्नी ने आगे कहा कि रजिंदर पाल सिंह ने कनाडा से अमेरिका में अवैध एंट्री कराने के लिए लोगों से पांच लाख अमेरिकी डॉलर (लगभग 4 करोड़ रुपये)  से भी अधिक रकम फीस के तौर पर वसूली थी. उन्होंने बताया कि दोषी की इस तरीके की हरकत केवल अमेरिका की सुरक्षा के लिए खतरा ही नहीं, बल्कि भारत से अमेरिका तक चलने वाली तस्करी में लाए गए लोगों की सुरक्षा के लिए भी बड़ा खतरा था. दोषी की तरफ से अमेरिका में बेहतर जीवन जीने की उम्मीद रखने वाले लोगों को गुमराह किया गया और उन लोगों पर भारी भरकम कर्ज भी लाद दिया गया.

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एक प्रेस रिलीज के मुताबिक, जुलाई 2018 से रजिंदर सिंह ने इन अवैध गतिविधियों के लिए उबर का इस्तेमाल किया. रजिंदर सिंह ने लोगों की तस्करी के लिए 2018 से 2022 तक 600 यात्राएं की. वहीं जांच के दौरान दोषी के घर से 45 हजार अमेरिकी डॉलर (लगभग 36 लाख रुपये) और कुछ नकली दस्तावेज भी बरामद किए गए. साथ ही ये बात भी सामने आई कि रजिंदर सिंह भी गैर कानूनी तरीके से अमेरिका में रह रहा था और जेल की सजा पूरी होने के बाद उसे डिपोर्ट कर दिया जाएगा.

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