उत्तर प्रदेश के शामली जिले में पुलिस ने एक ऑनलाइन मीडिया आउटलेट के खिलाफ FIR दर्ज की है. मीडिया आउटलेट पर धर्म के आधार पर लोगों के बीच दुश्मनी पैदा करने का आरोप लगा है. मीडिया आउटलेट ने हाल ही में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट अपलोड की थी. दावा किया था कि शामली जिले में एक ‘मॉब लिंचिंग’ की घटना हुई है. इस पोस्ट को लेकर काफी विवाद हुआ था.
यूपी पुलिस ने बिहार के यूट्यूब चैनल पर दर्ज की FIR, मॉब लिंचिंग की फेक न्यूज चलाने का आरोप
पुलिस ने इस मामले में पहले दो पत्रकारों के खिलाफ FIR दर्ज की थी. अब बिहार के एक यूट्यूब चैनल के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. पुलिस का कहना है कि मॉब लिचिंग की फर्जी खबर चलाई गई है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, ये FIR 7 जुलाई को थाना भवन पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई है. FIR में लिखा गया,
"इस मामले में धार्मिक विद्वेष पैदा करने के उद्देश्य से हिंदुस्तानी मीडिया चैनल नाम के मीडिया आउटलेट के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर गलत तथ्यों के साथ एक वीडियो अपलोड किया गया. इस वीडियो में आरोप लगाए गए कि जिले में एक मुस्लिम शख्स की मॉब लिंचिंग हुई है. इस बात की पूरी आशंका है कि इस वीडियो के चलते शांति व्यवस्था और सांप्रदायिक तानाबाना बिगड़ सकते हैं."
रिपोर्ट के अनुसार, हिंदुस्तानी मीडिया चैनल बिहार से चलने वाला एक मीडिया आउटलेट है. इसे पत्रकार सदफ कामरान चलाते हैं. पुलिस का कहना है कि जब उनकी तरफ से मॉब लिंचिंग की बात को नकार दिया गया, इसके बाद भी मीडिया चैनल 'गलत' जानकारी परोसता रहा.
घरवालों ने कही लिंचिंग की बातपुलिस ने मीडिया आउटलेट के खिलाफ BNS की धाराओं 196 (धर्म, नस्ल, जन्म के स्थान, निवास, भाषा इत्यादि के आधार पर अलग-अलग समूहों के बीच दुश्मनी पैदा करना) और 353 (2) (जो कोई भी ऐसे बयान या रिपोर्ट प्रकाशित या प्रसारित करता है जो गलतबयानी और अफवाह आधारित हो) के तहत FIR दर्ज की है. इन्हीं धाराओं के तहत पुलिस ने दिल्ली के दो पत्रकारों जाकिर अली त्यागी और वसीम अकरम त्यागी के खिलाफ भी FIR दर्ज की थी. पुलिस ने ये FIR 4 जुलाई को हुई एक घटना के संबंध में दर्ज की हैं. आसिफ राना, सैफा इलाहाबादी और अहमद रजा खान के खिलाफ भी FIR दर्ज की गई है.
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पुलिस का कहना है कि 4 जुलाई की घटना में कोई मॉब लिंचिंग नहीं हुई है, जिसमें फिरोज कुरैशी नाम के एक शख्स की उसके घर में मौत हुई थी. पुलिस का यह भी कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी मौत की वजह साफ है कि किसी हमले की वजह से कुरैशी की मौत नहीं हुई.
इधर, कुरैशी के घरवालों ने आरोप लगाया कि उसे तीन लोगों ने पीटा था. इन तीनों आरोपियों के नाम पिंकी, पंकज और राजेंद्र हैं. इस मामले में 5 जुलाई को FIR दर्ज कराई गई थी. पुलिस ने जानकारी दी है कि अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है.
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