प्रार्थिनी क्रिटिकल प्रेग्नेंसी के कारण ड्यूटी करने में असमर्थ है. विनम्र निवेदन है कि प्रार्थिनी को निर्वाचन कार्य से मुक्त करने की कृपा करें.जौनपुर, उत्तर प्रदेश के निर्वाचन अधिकारी को ये एप्लीकेशन भेजा था सहायक अध्यापिका कल्याणी अग्रहरि ने. कोरोना संक्रमण की वजह से आए कार्डियक अरेस्ट से कल्याणी का निधन हो गया. उनकी ड्यूटी उत्तर प्रदेश के पंचायत चुनाव में लगाई गई थी. वो आठ महीने की प्रेग्नेंट थीं. ड्यूटी कटवाना चाहती थीं, लेकिन कई कोशिशों के बाद भी ऐसा नहीं हुआ. ऊपर से जवाब आया कि चुनावी ड्यूटी ना करने पर कल्याणी के खिलाफ FIR भी दर्ज हो सकती है. साथ ही नौकरी भी खतरे में पड़ सकती है. मजबूरन, उन्हें चुनाव में ड्यूटी देनी पड़ी.

जिला निर्वाचन अदजीकारी को भेजी एप्लीकेशन जहां कल्याणी ने अपनी ड्यूटी कटवाने की रिक्वेस्ट की थी. फोटो - राजकुमार सिंह (इंडिया टुडे)
मामला क्या है?
इंडिया टुडे ग्रुप के राजुकमार सिंह ने कल्याणी के परिजनों से बात की. उन्होंने बताया कि 15 अप्रैल को चुनावी ड्यूटी करने के बाद कल्याणी अपने ससुराल लौटी. उन्हें बुखार की शिकायत थी. घरवालों को लगा कि थकावट के चलते बुखार आया है. बुखार की दवाई ली. लेकिन अगले दो-तीन दिनों में तबीयत और ज़्यादा बिगड़ने लगी. घरवाले कल्याणी को महिला चिकित्सालय ले गए. बुखार अभी भी तेज़ था. ऊपर से ऑक्सीजन लेवल गिरने लगा. इसके चलते महिला चिकित्सालय ने परिजनों को सरकारी अस्पताल में इलाज कराने को कहा. परिजन प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन के लिए चक्कर काटते रहे. लेकिन कहीं भी ऑक्सीजन नहीं मिला. 23 अप्रैल की रात को तबीयत ज़्यादा खराब होने पर उन्हें जौनपुर के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां 24 अप्रैल की सुबह कल्याणी की डेथ हो गई. अस्पताल द्वारा जारी डेथ सर्टिफिकेट में मृत्यु का कारण कार्डियक अरेस्ट को बताया गया. अस्पताल ने अपनी जांच में पाया कि कल्याणी कोरोना संक्रमण से भी जूझ रही थीं.

कल्याणी का डेथ सर्टिफिकेट जहां उनके कोरोना पॉज़िटिव होने की बात कही गई है. फोटो - राजकुमार सिंह (इंडिया टुडे)
चार महीने पहले लगी थी नौकरी
69000 शिक्षकों की भर्ती के दौरान चार महीने पहले कल्याणी की नियुक्ति जौनपुर जिले के खुटहन ब्लॉक के कम्पोजिट विद्यालय, ओइना में हुई थी. कल्याणी की छोटी बहन रानी ने बताया कि जौनपुर जिले में पंचायत चुनाव के दौरान कल्याणी की चुनावी ड्यूटी लगी थी. गर्भवती होने की वजह से वो अपनी ड्यूटी कटवाना चाहती थीं. चुनाव से ठीक एक दिन पहले ही डायट से फोन आया कि उनकी ड्यूटी कट गई है. लेकिन थोड़ी ही देर बाद खुटहन ब्लॉक मुख्यालय से ऑर्डर आया कि कल्याणी को ड्यूटी देनी है. ऐसा ना करने पर उनके खिलाफ FIR दर्ज हो सकती है. साथ ही उनकी नौकरी भी खतरे में पड़ सकती है. चार महीने पहले मिली नौकरी जाने के डर से उन्होंने मजबूरी में चुनावी ड्यूटी के लिए हां कर दिया.
दी लल्लनटॉप ने जौनपुर के चुनाव प्रभारी रहे अनुपम शुक्ला से भी कल्याणी अग्रहरि के मामले को लेकर बात करने की कोशिश की. लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया.