यूपी पंचायत चुनाव को लेकर BJP सांसद ने क्या आरोप लगा दिए हैं?
एटा में भाजपा विधायकों का धरना काम आया, रीकाउंटिंग में बदला नतीजा.
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बीजेपी सांसद कौशल किशोर (बाएं) ने पंचायत चुनाव मतगणना में गड़बड़ी का आरोप लगाया है.
यूपी पंचायत चुनावों के नतीजे आ चुके हैं. इन चुनावों में समाजवादी पार्टी ने बीजेपी को कड़ी टक्कर दी. 75 जिलों की 3,050 सीटों पर हुए जिला पंचायत सदस्यों के चुनाव में भले ही सबसे ज्यादा निर्दलीय जीते, लेकिन पार्टियों में सपा ने शानदार प्रदर्शन किया है. कई जगहों पर बीजेपी के विधायक और सांसद तक मतगणना में धांधली का आरोप लगा रहे हैं. अपनी ही सरकार के इंतजामों को लेकर घेर रहे हैं. मतगणना में गड़बड़ी का आरोप लगाने वालों में नया नाम है बीजेपी सांसद कौशल किशोर का. कौशल किशोर राजधानी लखनऊ के मोहनलालगंज संसदीय क्षेत्र से सांसद हैं. आजतक के सत्यम मिश्रा की रिपोर्ट के मुताबिक, कौशल किशोर का आरोप है कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में मतगणनाकर्मियों ने बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की है. उन्होंने लखनऊ जिला पंचायत वार्ड संख्या 8, 18, और 19 में धांधली का आरोप लगाया है.
लखनऊ जिला की पंचायत वार्ड संख्या 8 से बसपा की संतोष कुमारी, वार्ड 18 से सपा की विजय लक्ष्मी और वार्ड 19 से बसपा के अमरेन्द्र भारद्वाज को जीता घोषित किया गया है. बीजेपी सांसद कौशल किशोर ने मांग की की जहां-जहां त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में गड़बड़ी हुई है, वहां मतपत्रों का मिलान करवाया जाना चाहिए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.
विधायकों के धरने के बाद बदला नतीजा
एटा के जिला पंचायत वार्ड संख्या 10 की मतगणना में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए भाजपा विधायक धरने पर बैठे थे, री-काउंटिंग में उसका नतीजा बदल गया है. यहां अब बीजेपी के गजेंद्र पाल को विजयी घोषित किया गया है. पहले सपा की साधना देवी को जीत का सर्टिफिकेट दिया गया था. इसके खिलाफ भाजपा के चार विधायक जिलाधिकारी कार्यालय के सामने धरने पर बैठ गए थे. विधायकों ने जिला प्रशासन पर पार्टी के जिला पंचायत सदस्य कैंडिडेट को हराने और समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों को जिताने का आरोप लगाया था. लेकिन बीजेपी उम्मीदवार की जीत के बाद विधायकों ने बुधवार देर रात अपना धरना खत्म कर दिया. अमर उजाला की खबर के मुताबिक, छह बूथों के वोटों को काउंट ही नहीं किया गया था. इनकी गिनती के बाद नतीजा पलट गया.
क्या रहे नतीजे?
अमर उजाला की खबर के मुताबिक, जीते हुए सदस्यों में सबसे ज्यादा निर्दलीय हैं. जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में निर्दलीयों पर निर्भर होकर भाजपा और सपा चुनाव मैदान में जंग लड़ेगी. कुल सीटें-3,050 सपा-आरएलडी गठबंधन- 828
समाजवादी पार्टी को अकेले मिले- 760
बीजेपी- 750
बीएसपी -381
कांग्रेस-76
आम आदमी पार्टी -64
निर्दलीय और अन्य -951 सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम का कहना है कि जनता ने पंचायत चुनाव में स्पष्ट कर दिया है कि यूपी सरकार की नीतियां, व्यवस्था और उसके कार्यों को जनता पसंद नहीं कर रही है. नफरत की राजनीति किसी भी कीमत पर जनता पसंद नहीं करती. भारतीय जनता पार्टी की पॉलिटिक्स फेल हो गई है. वहीं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू का कहना है कि पंचायत चुनाव में पार्टी ने संतोषजनक प्रदर्शन किया है. उनकी पार्टी के 270 जिला पंचायत सदस्य और समर्थित जीते हैं. 571 जिला पंचायत सदस्य दूसरे नंबर पर रहे. 711 कांग्रेस के प्रत्याशी समर्थक तीसरे पायदान पर रहे हैं.
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