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नकली शादी, नकली दूल्हे, नकली दुलहनें, बस योजना असली, यूपी में क्या घपला हो गया?

Mukhyamantri Samuhik Vivah Yojna के तहत यूपी के बलिया में इतना बड़ा फर्जीवाड़ा हो रहा था कि आप जानकर पहले हंसेंगे, फिर अफसोस करेंगे.

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शादी समारोह के वायरल वीडियो का स्क्रीनशॉट (बाएं)

उत्तर प्रदेश के बलिया में एक सरकारी योजना के तहत सामूहिक शादी समारोह का आयोजन करवाया गया था. योजना ये थी कि इस समारोह में करीब पांच सौ जोड़ों की शादी करवाई जाएगी. हुआ भी ऐसा ही. लेकिन बवाल तब मचा जब घटना से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. वीडियो में पता चला कि समारोह में शामिल कई दूल्हे और दुलहन नकली हैं. पैसों के लालच में उन्होंने फर्जी शादी रचा ली. पुलिस ने शिकायत दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है. 

पैसे का चक्कर बाबू भैया!

घटना बलिया के मनियर नगर पंचायत की है. 25 जनवरी को यहां 'मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना' (UP Mukhyamantri Samuhik Vivah yojna) के तहत शादी समारोह का आयोजन कराया गया था. दावा किया गया था कि इस समारोह में 568 जोड़ों की शादी कराई जाएगी. लेकिन समारोह में इतनी दुलहन हो गईं कि दूल्हों की कमी पड़ गई. फिर क्या... कुछ दुलहनों ने खुद को ही वरमालाएं पहना लीं. 

अब इस घटना को लेकर चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. पता चला है कि शादी में शामिल होने आईं कई दुलहनें पहले से शादीशुदा थीं. ज्यादातर महिलाओं के तो बच्चे भी हैं. आरोप है कि महिलाएं सरकार की तरफ से मिलने वाले गिफ्ट और पैसे लेने के लिए सामूहिक विवाह में शामिल हुई थीं. इस समारोह को देखने के लिए कुछ नाबालिग लड़के भी आए थे. आरोप है कि उन्हें भी दो-तीन हजार रुपयों का लालच देकर जबरदस्ती दूल्हा बनाकर बैठा दिया गया. वायरल वीडियो में दूल्हे बने लड़कों को गमछे या मास्क से अपना चेहरा छिपाते हुए देखा जा सकता था. घटना को लेकर बलिया के CDO ओजस्वी राज ने बताया कि योजना के तहत लाभार्थियों के लिए जारी की जाने वाली राशि रोक दी गई है. साथ ही 8 लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर किया गया है.

पुलिस प्रशासन ने जानकारी मिलते ही इस मामले की जांच शुरू कर है. फिलहाल जांच के लिए 20 लोगों की टीम बनाई गई है. और योजना के लिए जारी की जाने वाली राशि रोक दी गई है. वहीं सरकार और प्रशासन पर सवाल उठने के बाद बांसडीह विधानसभा की बीजेपी विधायक केतकी सिंह ने सख्त कार्रवाई की मांग की है.

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किस योजना के तहत घपला?

'मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना' के नाम पर घपला चल रहा था. इस योजना के तहत गरीब घर की लड़कियों की शादी सरकार के खर्चे पर करवाई जाती है. समाज कल्याण विभाग इन शादी कार्यक्रमों का आयोजन करवाता है. योजना के तहत शादी में शामिल होने वाली हर लड़की के बैंक खाते में 35 हजार रुपये, कपड़े, बिछिया (पैर की उंगलियों में पहने जाने वाली अंगूठी), पायल और बर्तन खरीदने के लिए 10 हजार रुपये दिए जाते हैं. इसके साथ बारातियों के स्वागत और बाकी कामों के लिए 6 हजार रुपये दिए जाते हैं.

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