“महिला सुखीदेवी रानीवाड़ा जिले के डूंगरी गांव की रहने वाली हैं. रायपुर (जिले) में उनका मायका है. 6 जून की सुबह वह मायके से अपने गांव के लिए पैदल रवाना हुईं. उनके साथ में नातिन भी थी. मायके से गांव की दूरी करीब 15 किमी है. महिला के पास पीने की पानी का कोई ख़ास इंतजाम नहीं था. गर्मी काफी ज़्यादा थी. भयंकर प्यास से और डिहाइड्रेशन के कारण महिला की 5 साल की नातिन की मौत हो गई. महिला की तबीयत भी काफी ख़राब हो गई.”सांसद ने कहा, जांच कराएंगे इस मामले को लेकर सियायत भी हुई. राजस्थान में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने इसके लिए राज्य की अशोक गहलोत सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि आजादी के 70 साल बाद भी राज्य में सरकार लोगों को पीने का पानी मुहैया नहीं करा सकी है. वहीं राज्य के कैबिनेट मिनिस्टर प्रताप सिंह ने कहा कि संभवतः महिला और बच्ची रास्ता भटक गए होंगे, तभी वो ऐसे रास्ते पर पहुंच गए, जो रेतीला था और जहां पानी उपलब्ध नहीं था. जालौर के सांसद देव जी पटेल का इस घटना के बारे में कहना है कि ये जांच का विषय ज़रूर है, लेकिन आज नर्मदा का पानी हमारे रानीवाड़ा में भी है. लगातार बताया गया है कि यहां के गांवों को पानी दिया जा रहा है. हमने इन गांवों की रिपोर्ट मंगाई है. जहां भी पानी पहुंचाने में गड़बड़ी पाई गई, कार्रवाई होगी.
दर्दनाक: राजस्थान में प्यास से 6 साल की बच्ची ने दम तोड़ा, नानी बेहोश
तपती धूप में 8-10 किलोमीटर चलने के बाद भी दोनों को नहीं मिला पानी.
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बुजुर्ग महिला के बेहोश होने और बच्ची की मौत की खबर मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और महिला को पानी पिलाया. घटना की सूचना मिलने पर वहां भीड़ जुट गई. . (फोटो- The Lallantop के लिए रिपोर्टर नरेश बिश्नोई)
राजस्थान के जालौर से एक दर्दनाक घटना सामने आई है. एक बच्ची की प्यास से तड़प-तड़पकर मौत हो गई. आपने बिल्कुल सही पढ़ा. प्यास से मौत हो गई. घटना 6 जून की है. बुजुर्ग महिला सुखीदेवी अपनी छह साल की नातिन के साथ एक जिले से दूसरे जिले जा रही थीं. ये दूरी करीब 15 किलोमीटर की थी. दोनों पैदल ही जा रहे थे. प्यास लगी. 40 डिग्री सेल्सियस से भी ज्यादा गर्मी में करीब 8-10 किलोमीटर चलने के बाद भी दोनों को पानी नहीं मिला. इंडिया टुडे रिपोर्टर देव अंकुरऔर नरेश बिश्नोई की ख़बर के मुताबिक, नानी और बच्ची दोनों ऐसे रास्ते से जा रही थीं, जो रेतीला कच्चा रास्ता था. वहां पीने के पानी की कोई व्यवस्था नहीं थी. इसलिए उनको काफी दूर चलने के बाद भी पानी नहीं मिला.
नानी बेहोश हुई, बच्ची ने दम तोड़ दिया
दोनों रास्ते में जालौर के पास एक जगह रुककर आराम करने लगीं. उसी दौरान वृद्ध महिला बेहोश हो गई. महिला तो किसी तरह इस विषम हालात को झेल गई, लेकिन बच्ची ने प्यास से बेसुध होकर दम तोड़ दिया. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वहां से निकल रहे एक व्यक्ति की नजर उन दोनों पर पड़ी. उसने सूरजवाड़ा के सरपंच कृष्णकुमार पुरोहित को फोन किया. सरपंच गांव के लोगों और पुलिस को लेकर मौके पर पहुंचे. महिला को पानी पिलाया. लेकिन बच्ची तब तक दम तोड़ चुकी थी. महिला को प्राथमिक उपचार के लिए नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इस घटना पर रानीवाड़ा के उपखंड अधिकारी प्रकाश अग्रवाल ने बताया कि –
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