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यूक्रेन ने शांति का प्रस्ताव भेजा, पुतिन ने कहा - धरकर कूट दूंगा

जेलेंस्की ने कागज पर क्या लिखकर भेजा था?

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बाएं से दाहिने. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन. (फोटो: PIT, रॉयटर्स)
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की के एक शांति प्रस्ताव को खारिज कर दिया है. खास बात यह है कि ऐसा करते हुए उन्होंने जो जवाब दिया है, वह काफी चर्चा में है. द टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने यूक्रेनी पक्ष के प्रस्ताव को खारिज करते हुए कथित तौर पर कहा,
'उनसे कहना, मैं उन्हें पीट दूंगा.'
बता दें कि जेलेंस्की ने एक नोट लिखा था. भिजवाया था रूस के अनौपचारिक शांतिदूत रोमन अब्रामोविच के हाथों. जेलेंस्की ने इस नोट में शांति की गुहार लगाई थी. इसके अलावा नोट में यूक्रेन की स्थिति का विस्तार से वर्णन किया गया था और युद्ध को बंद करने की मांग की गई थी. रोमन अब्रामोविच क्यों? क्योंकि खुद ही कहा था कि शांति स्थापित करेंगे. खुद अरबपति हैं. उन्होंने शांति कायम कराने की यूक्रेन की मांग को स्वीकार किया था. इसमें वे दोनों देशों के बीच वार्ताकार के रूप में काम कर रहे हैं. बता दें कि रूस 24 फरवरी से ही यूक्रेन पर लगातार हमले कर रहा है. अब्रामोविच चेल्सी फुटबाल क्लब के मालिक भी हैं. इस समय वे युद्ध समाप्ति के लिए इस्तांबुल, मास्को और कीव के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी बने हुए हैं और एक-दूसरे देशों के संदेशों का आदान-प्रदान कराते हैं. रूस-यूक्रेन बातचीत युद्ध के बाद रूस और यूक्रेन के बीच पहली बार आमने-सामने की बातचीत मंगलवार, 29 मार्च को तुर्की में होनी है. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक यूक्रेन का प्रमुख मकसद यह है कि जल्द से जल्द सीजफायर लागू किया जाए और वे बैठक में इसी विषय को उठाएंगे. यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने कहा,
'हम वहां मानवाधिकार के सवालों को उठाएंगे और सीजफायर पर सहमति कराना हमारा प्रमुख एजेंडा है. हम लोगों, जमीन या संप्रभुता का व्यापार नहीं कर रहे हैं.'
कितना नुकसान हुआ? यूक्रेन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि आक्रमण शुरू होने के बाद से घिरे मारियुपोल शहर में कम से कम 5 हज़ार लोग मारे गए हैं. वहीं यूक्रेन की राजधानी कीव में रूसी हमलों के चलते 80 हजार घरों से अधिक की बिजली चली गई है. इस बीच, यूक्रेन की सेना ने इरपिन के कीव उपनगर आजाद करा लिया है. संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक 24 फरवरी से शुरू हुई इस जंग के बाद 37 लाख से ज्यादा लोग यूक्रेन छोड़ने पर मजबूर हुए हैं. इनमें 22 लाख से ज्यादा लोगों ने पोलैंड में ही शरण ली है. वहीं 5 लाख से ज्यादा लोग रोमानिया चले गए. संयुक्त राष्ट्र की मानें तो यूक्रेन की एक चौथाई आबादी यानी करीब एक करोड़ लोग अपने घर छोड़ने पर मजबूर हुए हैं. इनमें से करीब 65 लाख लोग देश के भीतर विस्थापित हुए हैं. संयुक्त राष्ट्र ने यह भी कहा कि यूक्रेन में अब तक 1 हजार 81 नागरिकों की मौत हो चुकी है.