तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन (MK Stalin) के बेटे उदयनिधि स्टालिन (Udhayanidhi Stalin) के सनातन धर्म वाले बयान पर विवाद जारी है. इसी बीच लोकसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे के बेटे और कर्नाटक सरकार में मंत्री प्रियांक खरगे का एक बयान आया है. उन्होंने कहा है कि जो धर्म किसी के साथ इंसान जैसा व्यवहार नहीं करता, वो बीमारी से कम नहीं है. हालांकि, खरगे ने किसी धर्म का नाम नहीं लिया.
स्टालिन के बाद प्रियांक खरगे ने अब जो कहा, सनातन वाला विवाद थमेगा नहीं!
उदयनिधि स्टालिन के बयान को लेकर विवाद जारी है. इस बीच कर्नाटक सरकार के मंत्री प्रियांक खरगे का भी एक बयान आया है.

दरअसल, प्रियांक खरगे से उदयनिधि स्टालिन के विवादित बयान को लेकर सवाल किया गया था. जिसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा,
‘’जो भी धर्म बराबरी को बढ़ावा नहीं देता और आपको मानव के तौर पर सम्मान नहीं देता, वह धर्म नहीं है. जो भी धर्म बराबरी का अधिकार नहीं देता है और आपके साथ इंसान जैसा व्यवहार नहीं करता है वो बीमारी से कम नहीं है.''
इससे पहले उदयनिधि स्टालिन ने अपने बयान में सनातन धर्म की तुलना डेंगू, मलेरिया और कोरोना महामारी से की थी. उदयनिधि 2 सितंबर को एक कार्यक्रम में पहुंचे थे. “सनातन उन्मूलन सम्मेलन” नाम के इस कार्यक्रम में उदयनिधि ने तमिल भाषा में एक बयान दिया था. इसका हिंदी अनुवाद कुछ इस तरह है,
“सनातन धर्म सामाजिक न्याय और समानता के खिलाफ है. कुछ चीजों का विरोध नहीं किया जा सकता, उन्हें खत्म ही कर देना चाहिए. हम डेंगू, मच्छर, मलेरिया या कोरोना का विरोध नहीं कर सकते. हमें इसे मिटाना है. इसी तरह हमें सनातन को भी मिटाना है.”
उनके इस बयान के बाद पूरे देश में बवाल मच गया था. उदयनिधि के इस बयान पर BJP ने आपत्ति जताई. BJP IT सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने आरोप लगाया कि उदयनिधि स्टालिन ने देश की 80 फीसदी आबादी के नरसंहार का आह्वान किया है. जिसके बाद उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म पर दिए अपने बयान पर सफाई दी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उदाहरण देकर कहा कि जैसे PM मोदी 'कांग्रेस मुक्त भारत' की बात करते हैं, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि वो कांग्रेसियों की हत्या करने के लिए कह रहे हैं. उसी तरह वो सनातन धर्म पर बोले हैं. सफाई देने के दौरान भी उदयनिधि अपने पुराने बयान पर कायम रहे.
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