'डेंगू, मलेरिया, कोरोना...', स्टालिन के बेटे ने सनातन धर्म पर ऐसा क्या बोला कि बवाल हो गया
बीजेपी बोली- वे 80 फीसदी आबादी के नरसंहार का आह्वान कर रहे हैं.
![Tamilnadu CM mk stalin son udhayanidhi says sanatana dharma like malaria dengue](https://static.thelallantop.com/images/post/1693726500236_udaynidhi.webp?width=540)
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे और मंत्री उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म को लेकर दिए गए एक बयान पर विवाद हो गया है. उदयनिधि ने सनातन धर्म की तुलना डेंगू, मलेरिया और कोरोना महामारी से कर दी. बीजेपी ने उनके इस बयान का विरोध किया है, वहीं कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने उदयनिधि का समर्थन किया है. इसके बाद एक हिंदू संगठन ने उदयनिधि के खिलाफ दिल्ली पुलिस में शिकायत भी कर दी है.
आजतक की खबर के मुताबिक तमिलनाडु सरकार में युवा कल्याण और खेल विकास मंत्री उदयनिधि स्टालिन 2 सितंबर को एक कार्यक्रम में पहुंचे थे. “सनातन उन्मूलन सम्मेलन” नाम के इस कार्यक्रम में उदयनिधि ने तमिल भाषा में एक बयान दिया था. इसका हिंदी अनुवाद कुछ इस तरह है,
"सनातन धर्म सामाजिक न्याय और समानता के खिलाफ है. कुछ चीजों का विरोध नहीं किया जा सकता, उन्हें खत्म ही कर देना चाहिए. हम डेंगू, मच्छर, मलेरिया या कोरोना का विरोध नहीं कर सकते. हमें इसे मिटाना है. इसी तरह हमें सनातन को भी मिटाना है."
अब इस बयान पर बीजेपी ने आपत्ति जताई है. BJP आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने उदयनिधि पर निशाना साधा. उन्होंने आरोप लगाया कि उदयनिधि स्टालिन ने देश की 80 फीसदी आबादी के नरसंहार का आह्वान किया है. अमित मालवीय ने वीडियो पोस्ट कर उदयनिधि के साथ कांग्रेस को भी घेरते हुए लिखा,
"तमिलनाडु के CM एमके स्टालिन के बेटे और DMK सरकार में मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म को मलेरिया और डेंगू से जोड़ा है. उनका मानना है कि इसे खत्म किया जाना चाहिए और केवल विरोध नहीं किया जाना चाहिए. संक्षेप में वह सनातन धर्म का पालन करने वाली भारत की 80 फीसदी आबादी के नरसंहार के लिए आह्वान कर रहे हैं. DMK विपक्षी गठबंधन की एक प्रमुख सदस्य और कांग्रेस की दीर्घकालिक सहयोगी है. क्या मुंबई बैठक में इस पर ही सहमति बनी थी?"
अमित मालवीय के पोस्ट पर उदयनिधि ने जवाब भी दिया. उदयनिधि ने कहा कि उन्होंने नरसंहार की बात नहीं की थी. स्टालिन ने जवाब में लिखा,
"मैंने कभी भी सनातन धर्म का पालन करने वाले लोगों के नरसंहार का आह्वान नहीं किया. सनातन धर्म एक ऐसा सिद्धांत है जो लोगों को जाति और धर्म के नाम पर बांटता है. सनातन धर्म को उखाड़ना मानवता और मानव सभ्यता को कायम रखने के लिए है."
उन्होंने आगे लिखा कि वे अपने बयान पर कायम हैं. जैसे COVID-19 फैला, मच्छरों से डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियां फैलती हैं, उसी तरह सनातन धर्म कई सामाजिक बुराइयों के लिए जिम्मेदार है. उन्होंने कानूनी कार्रवाई को लेकर लिखा,
"मैं अपनी टिप्पणी के संबंध में किसी भी कानूनी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हूं. डीएमके सरकार एमके स्टालिन के नेतृत्व में सामाजिक न्याय को बनाए रखने और समतावादी समाज की स्थापना करने के लिए संघर्ष करती रहेगी. इस तरह की भगवा धमकियों से डरेंगे नहीं. हम, पेरियार, अन्ना और कलैगनार (करुणानिधि) के अनुयायी हैं और सामाजिक न्याय को बनाए रखने के लिए हमेशा लड़ते रहेंगे."
बीजेपी के विरोध के बीच कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने उदयनिधि के बयान का समर्थन किया है. उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लिखा,
"सनातन धर्म और कुछ नहीं बल्कि एक जाति प्रभुत्व समाज का कोड है. जो भी लोग इसका समर्थन कर रहे हैं वे पुराने दिनों को वापस चाहते हैं. जाति भारत के लिए श्राप है. तमिलनाडु के आम बोलचाल में सनातन धर्म का मतलब है- जाति प्रधान समाज, (जिसमें एक जाति का दूसरे के ऊपर प्रभुत्व है). ऐसा क्यों है कि जो लोग सनातन धर्म का समर्थन कर रहे हैं, वे खास वर्ग से आते हैं जो इस 'प्रभुत्व' का लाभ उठाने वाले हैं. किसी के खिलाफ 'नरसंहार' की बात नहीं कही गई थी, इसे गलत तरीके से बढ़ा चढ़ाकर पेश किया जा रहा है."
वहीं हिंदू सेना ने उदयनिधि स्टालिन के खिलाफ दिल्ली पुलिस कमिश्नर से शिकायत की है. इसमें आरोप लगाया गया है कि बयान से सनातन धर्म का अपमान हुआ है. पत्र में उनके खिलाफ FIR दर्ज किए जाने की मांग की है.
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