संयुक्त अरब अमीरात ने हाथ जोड़कर कह दिया कि बहुत हुआ एक्सपोर्ट का धंधा. पहले गधे भेजकर अर्थव्यवस्था चमकाने की कोशिश. फिर आतंकवाद भेजकर भारत को तंग किया. और अब भिखारी व अपराधी भेजकर खाड़ी देशों की नाक में दम. UAE बोला. खुद कमाओ या घर बैठो. कटोरा लेकर दुबई आने की सुविधा अब बंद.
पाकिस्तान वालों को अब UAE का वीजा नहीं मिलेगा! भिखारियों से तंग आकर खाड़ी देश का फैसला
Pakistan वाले UAE जाकर भीख मांगते हैं और क्राइम करते हैं. कम से कम वहां की सरकार का तो यही मानना है. यही वजह है कि संयुक्त अरब अमीरात ने पाकिस्तानियों के वीजा को लेकर ये आदेश जारी किया है. इससे पहले Saudi Arabia ने भी पाकिस्तान को चेतावनी जारी कर कहा था कि वो अपने मुल्क से मक्का और मदीना जैसे पवित्र स्थलों पर आकर भीख मांगने वाले लोगों को रोके.


दरअसल संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने बढ़ते अपराध और भीख मांगने (Pakistani Begging in UAE) के मामलों में बढ़ोतरी को देखते हुए एक बड़ा कदम उठाया है. UAE ने पाकिस्तान के नागरिकों को वीजा देने पर रोक लगा दी है. इससे पहले सऊदी अरब ने भी पाकिस्तान को चेतावनी जारी कर कहा था कि वो अपने मुल्क से मक्का और मदीना जैसे पवित्र स्थलों पर आकर भीख मांगने वाले लोगों को रोके. यानी गधों का एक्सपोर्ट कर अपनी अर्थव्यवस्था बचाने वाले देश, कभी आतंकवाद एक्सपोर्ट कर भारत को परेशान करता है. और अब अपराधी और भिखारी एक्सपोर्ट कर अरब देशों को परेशान कर रहा है.
अपराध की वजह से वीजा बंदUAE ने पाकिस्तानी नागरिकों को वीजा देना बंद कर दिया है, क्योंकि उन्हें चिंता है कि UAE पहुंचने के बाद वे ‘क्रिमिनल एक्टिविटीज’ में शामिल हो रहे हैं. पाकिस्तान के एडिशनल इंटीरियर सेक्रेटरी, सलमान चौधरी ने ह्यूमन राइट्स पर सीनेट फंक्शनल कमिटी की मीटिंग के दौरान इस डेवलपमेंट के बारे में जानकारी दी. चौधरी ने यह भी कहा कि एक बार बैन लगने के बाद, इसे हटाना मुश्किल होगा. वहीं ओवरसीज एम्प्लॉयमेंट प्रमोटर ऐसाम बेग ने कहा कि UAE सरकार को चिंता है कि ‘वर्क वीजा’ नहीं, बल्कि ‘विजिट वीजा’ पर आए पाकिस्तानी देश में भीख मांगने लगते हैं.
UAE फिलहाल सिर्फ नीले और डिप्लोमैटिक पासपोर्ट होल्डर्स को ही वीजा दे रहा है. पाकिस्तानी सीनेटर समीना मुमताज जेहरी और ह्यूमन राइट्स पर सीनेट कमिटी की चेयरपर्सन हैं
काफी मुश्किल के बाद सिर्फ कुछ ही नागरिकों को वीजा दिया गया है.
यानी पाकिस्तान के नेता कोशिश पूरी कर रहे हैं कि वीजा मिले, लेकिन UAE अपने यहां भिखारियों की फौज लेने को बिल्कुल तैयार नहीं है. एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक इससे पहले, UAE ने वीजा अप्लाई करने वालों के लिए पुलिस से मिला कैरेक्टर सर्टिफिकेट देना जरूरी कर दिया था.
लाखों पाकिस्तानी ट्रैवलर और नौकरी ढूंढने वाले खाड़ी देशों और शहरों, खासकर दुबई और अबू धाबी जाते हैं. हर साल 8 लाख से से अधिक पाकिस्तानी खाड़ी और मिडिल ईस्टर्न देशों के लिए वीजा के लिए अप्लाई करते हैं. लेकिन ये पहला मौका नहीं है जब पाकिस्तान को इस तरह से शर्मिंदगी झेलनी पड़ी हो. दिसंबर 2024 में, UAE, सऊदी अरब और कई दूसरे खाड़ी देशों ने पाकिस्तान के कम से कम 30 अलग-अलग शहरों के लोगों को वीजा देने पर अनिश्चित समय के लिए रोक लगा दी थी. ऐसा उन मामलों की संख्या में खतरनाक बढ़ोतरी के बाद हुआ था, जिनमें पाकिस्तानी नागरिक विदेशों में भीख मांगते या स्मगलिंग, ड्रग ट्रैफिकिंग, ह्यूमन ट्रैफिकिंग और दूसरे क्रिमिनल अपराधों में शामिल पाए गए थे.
भीख मांगना पुरानी आदतपाकिस्तान के लोगों का सऊदी अरब में भीख मांगना कोई नई बात नहीं है. खासकर सऊदी के मक्का, मदीना और जेद्दाह में ये बहुत ही आम हो चला है. पाकिस्तान में अर्थव्यवस्था की हालत अच्छी नहीं है. ऐसे में वहां के लोगों ने जीने का एक तरीका ढूंढा है. पाकिस्तान के लोग पश्चिम एशिया के देशों मसलन सऊदी अरब में हज यात्रा के बहाने दाखिल होते हैं. चूंकि इस्लाम में मक्का और मदीना सबसे पवित्र स्थल माने जाते हैं, इसलिए उन्हें देश में एंट्री लेने में कोई खास दिक्कत नहीं आती. हज और उमराह के बहाने सऊदी में घुसने के बाद वो भीख मांगने के काम में लग जाते हैं.
एक रिपोर्ट के मुताबिक मक्का की मस्जिद से गिरफ्तार हुए 90 प्रतिशत पॉकेटमार पाकिस्तानी हैं. और ये बयान पाकिस्तान के ओवरसीज़ सेक्रेटरी ज़ीशान खानजादा ने 2023 में दिया था. सऊदी अरब के कानून के मुताबिक वहां भीख मांगना अपराध की श्रेणी में आता है. भीख मांगने, उसे समर्थन देने या मदद करने के लिए सऊदी में लिए 6 महीने की सजा या 50 हजार रियाल के जुर्माने का प्रावधान है. लिहाज़ा आलम ये है कि सऊदी की जेलों में बड़ी संख्या में पाकिस्तानी भिखारी बंद हैं.
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