‘सूप तो सूप छलनी भी बोली जिस में बहत्तर (72) छेद…’ ट्रेड डील और रूस से तेल खरीद. इन दो मुद्दों को लेकर इन दिनों भारत और अमेरिका आमने-सामने हैं. राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप लगातार भारत को निशाने पर ले रहे हैं. अब इस कतार उनके सिपहसालार भी जुड़ते जा रहे हैं. ट्रंप के ऐसे ही एक शागिर्द ने रूस से तेल खरीदने के लिए भारत की आलोचना की. उन्होंने भारत पर अप्रत्यक्ष रूप से यूक्रेन युद्ध को फंड करने का आरोप लगाया.
यूक्रेन के खिलाफ रूस के युद्ध की फंडिंग कर रहा है भारत? ट्रंप के करीबी को तो यही लगता है
America India On Russian Oil: Trump के बाद उनके ‘खास’ भी भारत की आलोचना करने में जुट गए हैं. ऐसे ही ट्रंप के ‘खास’ Stephen Miller ने भारत पर अप्रत्यक्ष रूप से यूक्रेन युद्ध को फंड करने का आरोप लगाया है.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ट्रंप के बाद भारत को निशाने पर लेने वाले इन ‘सज्जन’ का नाम है स्टीफन मिलर. वह ट्रंप के सबसे प्रभावशाली सलाहकारों में से एक हैं और पक्के शागिर्द हैं. मिलर ‘साब’ ने कहा,
“ट्रंप का स्पष्ट मानना है कि भारत को रूसी तेल खरीदना बंद कर देना चाहिए. उन्होंने (ट्रंप ने) बहुत साफतौर पर कहा है कि भारत का रूस से तेल खरीदकर इस युद्ध को फंड करना स्वीकार्य नहीं है.”
ट्रंप के डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ ने इसमें चीन की मिलीभगत का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि लोग यह जानकर हैरान रह जाएंगे कि रूसी तेल खरीदने में भारत मूल रूप से चीन के साथ जुड़ा हुआ है. सिर्फ इतना ही नहीं उन्होंने टैरिफ का राग भी अलापा. साथ ही यह भी आरोप लगाया कि भारत इमिग्रेशन के मामले में फरेब करता है और यह स्वीकार्य नहीं है.
अकेले मिलर भारत की आलोचना करने वालों में शामिल नहीं हैं. अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो भी इस होड़ में शामिल हैं. बीते दिनों उन्होंने भी रूस से तेल खरीदने को लेकर भारत की आलोचना की थी. कहा था कि रूस के साथ उसका चल रहा तेल व्यापार अमेरिका-भारत संबंधों को मुश्किल में डाल रहा है. वहीं ट्रंप तो कई मौकों पर भारत पर निशान साध ही चुके हैं.
गौरतलब है कि भारत और अमेरिका के बीच अब तक ट्रेड डील फाइनल नहीं हो पाई है. इसी वजह से दोनों देशों के बीच तल्खियां जारी हैं. उधर, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि भारत की सरकारी तेल कंपनियों ने कथित तौर पर पिछले हफ्ते से रूस से कच्चा तेल खरीदना बंद कर दिया. लेकिन विदेश मंत्रालय ने इस रिपोर्ट की जानकारी होने से इनकार कर दिया था.
पिछले कुछ वर्षों में भारत का रूसी तेल आयात तेजी से बढ़ा है. 2021 में यूक्रेन युद्ध से पहले भारत अपनी जरूरत का सिर्फ 3 प्रतिशत तेल रूस खरीदता था. अब यह बढ़कर भारत के कुल तेल आयात का 35 प्रतिशत से 40 प्रतिशत हो गया है.
वीडियो: दुनियादारी: ट्रंप ने किन देशों पर कितना टैरिफ़ लगाया? ग्लोबल ट्रेड वॉर से लोगों पर क्या असर पड़ेगा?