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SMS चेक करिए, ट्रूकॉलर ऐप ने आपके बैंक अकाउंट में भी सेंध मारी क्या?

जिस काम के लिए आपने ट्रूकॉलर डाउनलोड किया, उसे छोड़कर कुछ और ही हो गया...

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ट्रूकॉलर. वो ऐप जो कि आपको बताता है कि जिस अनजान नंबर से फ़ोन आ रहा है, किसका है. अब इस ऐप पर बवाल हो गया. मालूम पड़ा कि ट्रूकॉलर ऐप लोगों को UPI के लिए रजिस्टर किये दे रही है. बिना यूज़र की परमीशन के. पूरा मामला आपको आगे समझाते हैं.

सबसे पहले समझते हैं कि ये गड़बड़झाला कहां से शुरू हुआ

ट्रूकॉलर एक ऐप है. जैसा कि आर्टिकल की शुरुआत में ही बताया था कि ये ऐप किसी अनजान नंबर से आने वाले फ़ोन कॉल के मामले में आपकी मदद करती है. ये ऐप उस नंबर के संभावित मालिक का नाम स्क्रीन पर दिखाती है. इस ऐप ने साल 2017 में ICICI बैंक के साथ मिलकर पैसे के लेन-देन का बिज़नेस करना भी शुरू किया था. ट्रूकॉलर यूज़र्स को ये सहूलियत दी गयी थी कि वो UPI के माध्यम से किसी शख्स को या किसी बैंक अकाउंट में पैसे भेज सकते थे. इस मामले में ICICI बैंक ट्रूकॉलर का साथी बना था. ICICI बैंक ने अपनी वेबसाइट पर भी इस 'मिलाप' की जानकारी दी हुई है और वहां बाकी सारी जानकारी भी दी हुई है.
ICICI bank Truecaller pay app

ICICI की वेबसाइट पर UPI सर्विस चालू करने के बाबत साफ़-साफ़ शब्दों में निर्देश लिखे हुए हैं. इसका मतलब ये बनता है कि UPI सर्विस चालू करने की ज़िम्मेदारी ट्रूकॉलर यूज़र्स की हुई, न कि इसे ऑटोमेटिक होना था. लेकिन झोल यहीं हुआ. जो लोग UPI के लिए खुद को रजिस्टर नहीं कर रहे थे, उन्हें भी ये ऐप खुद-ब-खुद रजिस्टर किये ले रही थी.
ICICI bank Truecaller pay app 2
UPI सेट-अप के लिए दिए हुए निर्देश,

ये UPI क्या होता है?

UPI का फ़ुल फॉर्म है - Unified Payments Interface. ये पैसों के लेन-देन के लिए काम में आता है. साथ ही आप तमाम रीचार्ज वगैरह भी कर सकते हैं. इधर-उधर ऑनलाइन शॉपिंग वगैरह में इसका इस्तेमाल भी कर सकते हैं. नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ़ इंडिया ने इसे बनाया है. इसके माध्यम से हाथ के हाथ पैसे ट्रांसफ़र हो जाते हैं. हाथ के हाथ यानी उतनी ही तेज़ी से जितनी तेज़ी से आपके फ़ोन से व्हाट्सैप मेसेज जाता है.
UPI को आप एक ऐसी सेवा समझिये जैसे मेल भेजने के लिए सेवाएं होती हैं. आप चाहें तो याहू पर अकाउंट बनाएं. या जीमेल पर. या हॉटमेल पर. वैसे ही आप तमाम UPI सर्विस जैसे ऐमजॉन, गूगल पे आदि आदि. आप जिसपर चाहें उसपर अपना अकाउंट बना लें. आपको एक आईडी मिल जायेगी जो कि पैसे ट्रांसफ़र करने के मामले में आपके पते का काम करेगी.  पैसे आयेंगे और आपकी उस आईडी से जुड़े बैंक अकाउंट में ट्रांसफ़र हो जायेंगे.

ट्रूकॉलर का मामला क्या हुआ?

ट्विटर पर धीरज कुमार नाम के यूज़र ने (जिसका ट्विटर हैंडल है - @codepodu) ने ट्वीट किया और बताया कि उसकी ट्रूकॉलर ऐप ऑटोमेटिक अपडेट हुई. अपडेट होने के बाद ऐप का वर्ज़न हुआ 10.41.6
इसके बाद उसके ऐप ने एक एनक्रिप्टेड मेसेज भेजा. ये एसएमएस एक अनजान नंबर को भेजा गया. इसके तुरंत बाद ICICIबैंक से एक मेसेज आया जिसमें लिखा था कि 'UPI ऐप के लिए आपका रजिस्ट्रेशन प्रोसेस शुरू हो गया है.' मालूम ये चला कि ट्रूकॉलर ऐप बिना यूज़र्स की परमीशन लिए, उनका UPI अकाउंट बना रहा है.
अपने ट्वीट्स में @codepodu ने बताया कि उसका ICICI बैंक में अकाउंट ही नहीं है. लेकिन ट्रूकॉलर की इस बैंक के साथ पार्टनरशिप है जिसके ज़रिये ही इसकी UPI सर्विस शुरू हुई है. सिर्फ़ यही ट्विटर हैंडल अकेला नहीं है, जिसने ऐसे ट्वीट करते हुए ये बताया कि ट्रूकॉलर के अपडेट होने पर उनके पास से भी एसएमएस गए हैं और बदले में ICICI ने मेसेज भेजा है. कई लोगों ने ऐसी ही शिकायतें की.

ट्रूकॉलर ने क्या जवाब दिया?

वही जो ऐसे में कोई भी देता - ये एक बग था. यानी ऐप बनाने में हुई एक टेक्निकल गलती, जिसकी वजह से ऐसा हुआ. इसके साथ ही ट्रूकॉलर ने ये भी कहा कि उन्होंने एक नया वर्ज़न निकाल दिया है और गड़बड़ वर्ज़न को डिसकंटिन्यू कर दिया गया है. साथ ही ये भी बताया कि जो भी यूज़र्स चाहते हैं वो खुद को इस सर्विस से हटा सकते हैं. मगर ये काम उन्हें खुद ही करना होगा.
Truecaller statement