लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) को लेकर सियासी सरगर्मी हर दिन के साथ बढ़ती जा रही है. बंगाल में इतिहास खोदा जा रहा है. प्लासी की जंग, बंगाल के नवाब रहे सिराजुद्दौला, अंग्रेज और राजा कृष्ण चंद्र रॉय को लेकर बयानबाजी हो रही है. यहां सत्तारूढ़ TMC ने महुआ मोइत्रा (TMC Mahua Moitra) को कृष्णा नगर से लोकसभा का टिकट दिया है. वहीं भाजपा ने कृष्णा नगर राज घराने की राजमाता अमृता रॉय (Amrita Roy BJP Krishna Nagar Lok Sabha candidate) को चुनाव मैदान में उतारा है. उन्होंने इसी महीने 20 मार्च को आधिकारिक रूप से बीजेपी जॉइन की थी.
महुआ मोइत्रा के खिलाफ बीजेपी प्रत्याशी अमृता रॉय पर TMC क्यों लगा रही देश विरोधी होने का आरोप?
Amrita Roy बंगाल के Krishna Nagar राज परिवार से ताल्लुक रखती हैं. वो वर्तमान में कृष्णा नगर की राजमाता हैं. अमृता रॉय का राज परिवार 18वीं सदी के राजा और जमींदार कृष्ण चंद्र के वंशज हैं.

अमृता रॉय का राज परिवार 18वीं सदी के राजा और जमींदार कृष्ण चंद्र का वंशज है. कृष्ण चंद्र रॉय नादिया राज परिवार से थे. 1728 से 1782 तक उन्होंने राजगद्दी संभाली थी. उनको मुगल शासन के खिलाफ खड़े रहने के लिए जाना जाता है. कला को बढ़ावा देने का भी काफी श्रेय उन्हें दिया जाता है.
बंगाल की भागीरथी नदी के किनारे एक इलाका है. नाम है प्लासी. 23 जून, 1757 को इसी जगह अंग्रेजों की बंगाल के तत्कालीन नवाब सिराजुद्दौला से निर्णायक जंग हुई थी. कहते हैं उस लड़ाई में सिराजुद्दौला की हार ने भारत पर ईस्ट इंडिया कंपनी की हुकूमत सुनिश्चित कर दी थी.
फिर 1874 में छपती है एक किताब. ‘कोलकाता रिव्यू’ नाम की इस किताब के मुताबिक प्लासी की जंग अंग्रेज जनरल रॉबर्ट क्लाइव के नेतृत्व में लड़ी गई और इसमें उनका साथ देने वाले थे जगत सेठ, मीर जाफर, ओमी चंद और राजा कृष्ण चंद्र. किताब कहती है कि राजा कृष्ण चंद्र की रॉबर्ट क्लाइव के साथ अच्छी दोस्ती रही. इसी दोस्ती के चलते उन्हें पांच तोपों के साथ जमींदारी उपहार स्वरूप दी गई थी.
आरोप-प्रत्यारोप ?अब 2024 में होने जा रही है सबसे बड़ी सियासी जंग. यानी लोकसभा चुनाव. और प्लासी की जंग के हवाले से तृणमूल कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि बीजेपी उम्मीदवार अमृता रॉय का परिवार अंग्रेजों के पक्ष में था.
TMC नेता कुणाल घोष ने कहा,
‘जब बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला ब्रिटिश शासन के खिलाफ लड़ रहे थे, तब कृष्ण नगर के राजा कृष्ण चंद्र रॉय ने ब्रिटिश सेना की मदद की थी. ये बिल्कुल साफ है कि सावरकर की पार्टी महात्मा गांधी की हत्या की जिम्मेदार है. पार्टी अंग्रेजों का साथ देने वाले परिवार से ही किसी को उम्मीदवार बनाएगी.
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इधर अमृता रॉय ने तृणमूल के आरोपों को खारिज करते हुए कहा, ‘मुझे लगता है कि हर बंगाली और हर भारतीय इस बात से सहमत होगा कि मेरे परिवार के बारे में जो कुछ भी कहा जा रहा है वो पूरी तरह से झूठ है. आरोप लग रहे हैं कि राजा ने अंग्रेजों का साथ दिया. लेकिन क्यों? उन्होंने ऐसा सिराजुद्दौला की प्रताड़ना की वजह से किया. अगर उन्होंने ऐसा ना किया होता तो क्या हिंदू धर्म यहां बच पाता?’
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