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टिल्लू की हत्या में बड़े अफसरों का रोल, ऐसे बना पूरा प्लान, बड़ा खुलासा!

टिल्लू की हत्या के तीन दिन पहले क्या हुआ था, जिसकी उसको भनक लग गई थी?

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तीन दिन पहले भी हुई थी टिल्लू की हत्या की कोशिश. (फोटो: फाइल फोटो/स्क्रीनशॉट)

गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया (Tillu Tajpuria) की दिल्ली की तिहाड़ जेल में दो मई को हत्या कर दी गई थी. इस हत्याकांड का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था. कई कैदियों ने मिलकर टिल्लू की हत्या की थी. अब आजतक ने एक स्टिंग ऑपरेशन में टिल्लू तेजपुरिया हत्याकांड से जुड़े कई नए खुलासे किए हैं. इसमें पता चला कि टिल्लू को उसके मर्डर से तीन दिन पहले यानी 30 अप्रैल को भी मारने की कोशिश की गई थी.

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इंडिया टुडे से जुड़े अरविंद ओझा और एक स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम ने तिहाड़ के अंदर इस पूरे मामले की तहकीकात कर एक स्टिंग ऑपरेशन किया. दरअसल, टिल्लू की हत्या के बाद से लगातार ये सवाल उठ रहे हैं कि आखिर देश की सबसे बड़ी जेल में इतना बड़ा हत्याकांड कैसे हो गया, जबकि जेल में चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा का इंतजाम होता है. इस मामले में कार्रवाई के तहत अब तक जेल के आठ कर्मचारियों को सस्पेंड और 179 का ट्रांसफर किया जा चुका है.

जेल प्रशासन की मिलीभगत

आजतक की अंडरकवर टीम ने जेल के असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट सोम प्रकाश त्यागी से बात की. बीती 2 मई को टिल्लू के सेल की सुरक्षा का जिम्मा त्यागी के कंधों पर था. उन्होंने खुलासा किया कि तिहाड़ जेल प्रशासन की मिलीभगत के बिना टिल्लू की हत्या मुमकिन नहीं थी. बातचीत के दौरान त्यागी ने अपने साथी अफसर की नीयत पर सवालिया निशान खड़े किए. उन्होंने इशारा किया कि उनके साथी ने बहाना बनाकर अचानक छुट्टी ले ली थी. साथ ही त्यागी ने हत्याकांड को प्लाटेंड और स्क्रिप्टेड बताया. उन्होंने कहा कि सोची-समझी साजिश के तहत ही उन्हें उस एक दिन के लिए टिल्लू के वार्ड का अतिरिक्त जिम्मा दिया गया था. वो भी तब, जब उनका साथी अफसर जेल में ही मौजूद था.

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अलार्म पर भी उठाए सवाल

प्रकाश त्यागी ने इसके साथ ही जेल के अलॉर्म और CCTV पर भी सवाल खड़े किए. त्यागी ने दावा किया कि हत्या के बाद उन्होंने इमरजेंसी अलॉर्म बजाने की कोशिश की, लेकिन वो खराब था. सवाल ये भी उठता है कि क्या अलॉर्म का खराब होना महज़ संयोग था या हत्या की साजिश का एक हिस्सा?

टिल्लू को जहर देने का प्लान

इस स्टिंग ऑपरेशन में ये भी पता चला है कि टिल्लू तेजपुरिया को उसकी हत्या से तीन दिन पहले जहर दिए जाने का प्लान था. इतना ही नहीं, उसके खाने में जहर डाल दिया गया था. ये खुलासा तिहाड़ के जेल नंबर-2 के एक रसोइये ने किया है. उसने बताया है कि 30 अप्रैल को टिल्लू की किस्मत अच्छी थी, और उसे इस बात की भनक लग गई थी कि उसके खाने में जहर मिला हुआ है. रसोइये ने आगे बताया कोई सेवादार टिल्लू को जहर देना चाहता था.

इधर, तिहाड़ जेल के वार्डन सुनील ने खुफिया कैमरे पर बताया कि तिहाड़ के अंदर गैंगस्टर्स के लिए सामान कैसे पहुंचता है. सुनील ने बताया,

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'हमारी सर्चिंग होती है, लेकिन अफसरों की नहीं होती. अफसर ही उन्हें सामान पहुंचाते हैं. अगर कोई बड़ा मोबाइल फोन जेल के अंदर जाता है तो किसी भी निचले स्टाफ की हिम्मत नहीं है कि वो इसे अंदर ले जा सके.'

गैंगवार की वजह से दुश्मनी

आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, जेल के अंदर एक तरफ जहां लॉरेंस बिश्नोई गैंग, काला जठेड़ी गैंग, जितेंद्र गोगी गैंग, राजस्थान का आनंदपाल गैंग और सुब्बे गुर्जर गैंग का एक सिंडिकेट है, तो वहीं दूसरी तरफ देवेंद्र बंबीहा गैंग, नीरज बवाना गैंग, टिल्लू ताजपुरिया गैंग, संदीप ढिल्लू गैंग और हरियाणा के कौशल जाट गैंग का दूसरा सिंडिकेट है. ये गैंग्स अक्सर एक दूसरे को चुनौती देते रहते हैं और एक दूसरे से खून के प्यासे हैं. इन्हीं गैंग्स के गुर्गे दशकों से तिहाड़ जेल में एक दूसरे से टकराते और उनकी जान लेते रहे हैं.

वीडियो: गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया के साथ तिहाड़ जेल में पुलिस के सामने ये भयानक हुआ

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