
इस पोस्ट पर कुछ आपत्तिजनक कमेंट्स थे, जिन्हें हमने ब्लर कर दिया है. इस पोस्ट को 29 हजार से ज्यादा लोग लाइक कर चुके हैं.

ये तमिलनाडु कांग्रेस कमिटी के अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष जे असलम बाशा का ट्विटर हैंडल है. इन्होंने भी इस तस्वीर को पोस्ट किया. सवा हजार लोगों ने इसे रिट्वीट किया. साढ़े चार हजार लाइक मिले हैं पोस्ट को.
क्या है इस वायरल पोस्ट में? एक तस्वीर है. टीशर्ट-लोअर पहने एक लड़की सड़क पर हाथ गाड़ी खींच रही है. रिक्शे पर पीछे लुंगी-बनियान पहने एक बुजुर्ग बैठे हैं. उनके कंधे पर गमछा रखा है. ऐसी हाथ गाड़ियां कोलकाता में खूब चलती हैं. इसमें सामने की तरफ दो हत्थे निकले रहते हैं. उन्हें हाथ से पकड़कर रिक्शा खींचा जाता है. पीछे का हिस्सा नॉर्मल रिक्शे की तरह होता है. तस्वीर के साथ जो कैप्शन है, उसके मुताबिक ये लड़की IAS टॉपर है. पीछे रिक्शे पर जो बैठे हैं, वो लड़की के पिता हैं. हाथ-रिक्शा चलाते हैं. बेटी ने टॉप करने के बाद अपने पिता को रिक्शे पर बिठाया और उन्हें घुमाया. ताकि वो लोगों को बता सके कि वो उन्हीं की बेटी है. कि उसके माता-पिता ने इतनी गरीबी में भी उसे इतनी अच्छी परवरिश दी. पढ़ा-लिखाकर इतना काबिल बनाया. लोगों ने इस तस्वीर को खूब शेयर किया. उस लड़की और उसके पैरंट्स के लिए भावुक हुए.

श्रमोना पोद्दार ट्रेवल ब्लॉगर हैं. इंस्टाग्राम पर काफी फॉलोइंग है इनकी. इन्होंने अप्रैल में ये फोटो पोस्ट की थी.
वायरल फोटो की असलियत क्या है? एक ट्रैवल ब्लॉगर हैं. नाम है श्रमोना पोद्दार. ट्रैवल ब्लॉगर को आसान भाषा में यूं समझिए कि वो घूमते हैं. फिर अपने सफर के किस्से लिखते हैं. सफर की तस्वीरें शेयर करते हैं. श्रमोना इंस्टाग्राम पर हैं. 86 हजार से ज्यादा फॉलोअर्स हैं उनके. श्रमोना फिलहाल कोलकाता में रहती हैं. 25 अप्रैल को श्रमोना ने इंस्टाग्राम पर वही फोटो शेयर की, जो वायरल पोस्ट में दिखती है. श्रमोना लिखती हैं कि कोलकाता में चलने वाली हाथ गाड़ियों को देखकर उन्हें उन रिक्शावालों से बहुत सहानुभूति होती थी. इसीलिए वो ऐसे रिक्शा में बैठती ही नहीं थीं. फिर हाल ही में उन्हें महसूस हुआ कि ये रिक्शा इन लोगों की रोजी-रोटी है. उसमें न बैठना, मतलब उनकी मजदूरी छीनना. इसीलिए पिछली बार जब वो कोलकाता गईं, तो उन्होंने खुद हाथ रिक्शा खींचकर देखा. ताकि देख सकें कि ये कितना मुश्किल काम है. उन्होंने रिक्शावाले से पीछे बैठ जाने को कहा. फिर शोभाबाजार की गलियों में खुद ये रिक्शा खींचा. वहां मौजूद लोग उन्हें देख रहे थे.

ये श्रमोना के इंस्टाग्राम अकाउंट पर उनका इंट्रो है.
किसी ने श्रमोना की ये फोटो उठाई. फिर उसपर IAS टॉपर और उसके पिता वाली भावुक कहानी चिपकाई. और पोस्ट कर दिया. लोगों ने इस कहानी पर भरोसा किया और इसे शेयर करने लगे.
इंडिया टुडे फैक्टचेक टीम ने श्रमोना से बात की है. श्रमोना ने बताया कि वो IAS टॉपर नहीं हैं. इस फोटो को उत्तरी कोलकाता के शोभा बाजार में उनके दोस्त भास्कर ने क्लिक किया था. गलत मेसेज के साथ फोटो शेयर होने से श्रमोना नाखुश भी हैं, क्योंकि इसकी वजह से उनके माता-पिता को भी परेशान होना पड़ रहा है. कुछ लोग उनके माता-पिता को कॉल करके इसके बारे में पूछ रहे हैं.
नोट: अगर आपको भी ऐसी कोई वायरल पोस्ट दिखे और आप उसमें कही गई बात की असलियत जानना चाहें, तो हमें lallantopmail@gmail.com पर ईमेल करके बताइए. हम उसकी पड़ताल करेंगे और आपको सच बताएंगे.
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