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स्विट्जरलैंड में अमीरों का पैसा गरीबों में बांटने के प्रस्ताव पर वोटिंग हुई, किसकी मौज कटी?

Switzerland को चॉकलेट्स और डेयरी प्रॉडक्ट्स के अलावा खुफिया बैंकिंग सिस्टम के लिए भी जाना जाता है. अब जनमत संग्रह के जरिए इसने अपने अमीर लोगों को भी 'कंफर्टेबल' कर दिया है.

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स्विट्जरलैंड में विरासत पर 50 फीसदी टैक्स लगाने का प्लान फ्लॉप हुआ. (Unsplash)

दुनिया के सबसे अमीर-तरीन मुल्कों में शुमार स्विट्जरलैंड के सोशल डेमोक्रेट्स को एक 'नेक ख्याल' आया. उन्होंने प्लान बनाया कि देश के 'सुपर रिच' लोगों पर भारी टैक्स थोपकर, उनसे वसूली रकम को क्लाइमेट प्रोजेक्ट और सोशल सिक्योरिटी में खर्च किया जाए. बस ‘विरासत टैक्स’ वसूलने का प्लान बन गया और लोगों के बीच रायशुमारी के लिए चला गया. लेकिन स्विट्जरलैंड की अवाम ने इस 'सोशली मोटिवेटेड प्लान' की हवा निकाल दी.

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इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, जनमत संग्रह में 22 फीसदी के मुकाबले 78 फीसदी वोटों से स्विट्जरलैंड के मतदाताओं ने इस प्लान को रिजेक्ट कर दिया. माने 78 फीसदी वोटर्स ने 50 मिलियन स्विस फ्रैंक (लगभग 558 करोड़ रुपये) से ज्यादा की विरासत और गिफ्ट पर 50 फीसदी फेडरल टैक्स लगाने के प्रस्ताव को नामंजूर कर दिया. यह जनमत संग्रह 30 नवंबर को हुआ था.

स्विट्जरलैंड की सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी और यंग ग्रीन्स नामक संगठन इस प्लान के झंडाबरदार रहे. विरासत टैक्स के जरिए उनका मकसद अमीरों से पैसा लेकर जलवायु परियोजनाओं और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में लगाना था. स्विट्जरलैंड में लोगों की लोकतांत्रिक व्यवस्था में सीधी भागीदारी के लिए एक साल में ज्यादा से ज्यादा 4 बार जनमत संग्रह कराए जा सकते हैं.

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यूरोप के बेहद खूबसूरत देश स्विट्जरलैंड को चॉकलेट्स और डेयरी प्रॉडक्ट्स के अलावा खुफिया बैंकिंग सिस्टम के लिए भी जाना जाता है. ताजा जनमत संग्रह के जरिए इसने अपने अमीर लोगों को भी 'कंफर्टेबल' कर दिया है. देश के हर कैंटोन (सबडिवीजन) ने विरासत टैक्स के खिलाफ वोट दिया.

हालांकि, इस प्लान के समर्थकों ने विरासत टैक्स को इसलिए सही ठहराया, क्योंकि स्विट्जरलैंड में जिंदगी जीने की लागत बढ़ रही है. दूसरी तरफ, इस प्लान के विरोधियों ने इसे प्राइवेट प्रॉपर्टी पर हमला बताया.

इस प्लान के सामने आने पर बिजनेस ग्रुप्स ने चेतावनी दी थी कि अमीर परिवार देश छोड़कर जा सकते हैं. इसलिए सरकार और बड़ी पार्टियों ने लोगों से इस प्रोपोजल को रिजेक्ट करने की गुजारिश की थी. रायशुमारी के नतीजों में ऐसा हुआ भी. स्विट्जरलैंड दुनिया के उन चुनिंदा देशों में शामिल है, जहां फेडरल इनहेरिटेंस टैक्स यानी केंद्रीय विरासत टैक्स नहीं है. इसलिए कई अमीर लोग यहां रहना पसंद करते हैं.

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