देश की राजधानी दिल्ली में रैपिडो (Rapido) और उबर (Uber) जैसी कंपनियों की बाइक सर्विस पर रोक जारी रहेगी. दिल्ली सरकार की अपील पर ये आदेश सुप्रीम कोर्ट (SC) ने दिया है. दरअसल, दिल्ली सरकार ने राजधानी में ऐप बेस्ड कंपनियों की ओर से दी जा रही बाइक सर्विस पर रोक लगाई थी. बाइक सेवा देने वाली कंपनियों ने दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया. दिल्ली हाई कोर्ट ने इस रोक पर स्टे लगा दिया था. फिर दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया.
Uber, Rapido के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला कुछ कस्टमर्स को भी झटका देगा
दिल्ली सरकार ने हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दी थी.

आजतक की अनीषा माथुर और संजय शर्मा की रिपोर्ट के मुताबिक अब 12 जून को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट के उस आदेश को पलट दिया है. ये बाइक टैक्सी सर्विस देने वाली कंपनियों के साथ उन लोगों के लिए भी बुरी खबर है, जो अलग-अलग कारणों से इन बाइक्स की सेवाएं लेते हैं.
पूरा मामला क्या है?दिल्ली परिवहन विभाग ने इस साल फरवरी में ऐप बेस्ड कंपनियों को अपनी बाइक सर्विस को बंद करने का नोटिस जारी किया था. दिल्ली सरकार ने कहा था कि ऐप आधारित कैब कंपनियां बिना जरूरी लाइसेंस के धड़ल्ले से बाइक सर्विस चला रही हैं. सरकार के मुताबिक कमर्शियल वाहन चलाने के लिए मंजूरी लेना जरूरी है.
ये भी कहा गया था कि ये इसलिए जरूरी है कि कस्टमर और खुद दोपहिया वाहन चालकों की सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस वेरिफिकेशन, लाइसेंस, वाहन में GPS, पैनिक बटन जैसी बुनियादी सुरक्षा व्यवस्था हो. इसके बाद ही बाइक सर्विस का लाइसेंस दिया जा सकता है. दिल्ली सरकार की ओर से कहा गया था कि जब तक दोपहिया वाहनों के ऑपरेशन को लेकर पॉलिसी फाइनल नहीं हो जाती, तब तक बाइक सर्विस ना चलाई जाए.
इसके खिलाफ रैपिडो और उबर जैसी कंपनियों ने दिल्ली हाई कोर्ट में अपील दायर की थी. हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार के उस नोटिस पर स्टे लगा दिया था. साथ ही पॉलिसी फाइनल होने तक बाइक-टैक्सी एग्रीगेटर्स को अपनी बाइक सेवाएं जारी रखने का आदेश दिया था. हाई कोर्ट ने कहा था कि जब तक इस संबंध में पॉलिसी नहीं बन जाती, तब तक रैपिडो और दूसरी कंपनियों पर किसी तरह की सख्त कार्रवाई ना हो.
फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा केसइसके बाद दिल्ली सरकार ने हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी. इस पर जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस राजेश बिंदल की वेकेशन बेंच ने सुनवाई की है. सुप्रीम कोर्ट ने अब दिल्ली सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया है. उसने हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है. शीर्ष अदालत ने कहा है कि पॉलिसी तैयार होने तक कैब कंपनियों की बाइक्स दिल्ली की सड़कों पर नहीं चल सकती हैं.
आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक बाइक टैक्सी सेवा देने वाली कंपनी उबर की ओर से वकील नीरज किशन कौल ने दलील दी. उन्होंने कहा कि बिना पॉलिसी के अचानक बाइक टैक्सी बंद कर देने से 35 हजार से ज्यादा लोग बेरोजगार हो जाएंगे. उन्होंने कहा कि इसलिए 31 जुलाई तक रोक पर छूट दी जाए. इस पर कोर्ट ने कहा कि प्रभावित और असंतुष्ट पक्षकारों को कोर्ट में आने दीजिए.
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