
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा है कि वह सोमवार को मामले की सुनवाई करेगा. फोटो- PTI
अटॉर्नी जनरल वेणुगोपाल ने भी कहा कि हमें उम्मीद है कि दोनों पक्ष किसी मुद्दे पर सहमत हो जाएंगे. इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि हम हालात से वाकिफ हैं, और चाहते हैं कि बातचीत आगे बढ़े. हम हालात पर पूरी तरह से नजर बनाए हुए हैं. सुप्रीम कोर्ट अटॉर्नी जनरल और सॉलिसिटर जनरल की इस बात पर राजी हो गया कि अगर सोमवार तक किसानों और सरकार के बीच बातचीत चलती रही, तो सुनवाई आगे बढ़ाई जा सकती है. 41 दिनों से दिल्ली बॉर्डर पर डटे हैं किसान दिल्ली बॉर्डर पर किसानों के धरने को 41 दिन बीत चुके हैं. किसान दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर जमा हैं. उनकी केंद्र सरकार से बड़ी मांग तीन नए किसान कानूनों को वापस लेने की है. अब तक किसानों और सरकार में आठ दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन नतीजा नहीं निकल सका है. अब 8 जनवरी को 9वें दौर की वार्ता का इंतजार है.

खराब मौसम के बाद मौसम की चुनौती और लंबी लड़ाई को देखते हुए किसानों की तैयारी शुरू हुई.
कुछ मसलों को लेकर सरकार और किसानों के बीच सहमति बनी है, लेकिन कृषि कानूनों की वापसी को लेकर दोनों अपने-अपने रुख से पीछे हटने को तैयार नहीं हैं. किसानों का कहना है कि जब तक सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस नहीं लेती, न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) व्यवस्था बनाए रखना सुनिश्चित करने के लिए कानून नहीं लाती, तब तक किसान आंदोलन जारी रखेंगे. पिछले तीन दिनों से खराब मौसम के बाद किसानों ने इसके इंतजाम भी शुरू कर दिए हैं. सिंघु बॉर्डर पर बड़े-बड़े वाटर प्रूफ टेंट लगाए जा रहे हैं जिसके लिए सड़क पर ड्रिलिंग और लोहे को काटा जा रहा है. किसानों का कहना है कि सरकार तारीख पर तारीख दे रही है इसलिए हम लंबी लड़ाई के लिए तैयार हैं.
इस बीच किसानों ने 7 जनवरी को बड़ा प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है. किसानों ने ये भी चेतावनी दी है कि मांगें नहीं मानी गईं तो वो 26 जनवरी को पेरिफेरल एक्सप्रेसवे पर ट्रैक्टर परेड करेंगे. इससे पहले, 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर राज्यों में राजभवनों का घेराव किया जाएगा.