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शरद पवार की तस्वीर के इस्तेमाल पर सुप्रीम कोर्ट ने अजित पवार गुट को सुना डाला

Sharad Pawar गुट की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने अजित पवार गुट द्वारा 'घड़ी' सिंबल के इस्तेमाल पर आपत्ति जताई. उन्होंने कहा कि ये सिंबल ऐतिहासिक रूप से शरद पवार से जुड़ा हुआ है. ये भी कहा गया कि अजित पवार गुट ने अपने चुनावी कैंपेन में शरद पवार के नाम और तस्वीरों का इस्तेमाल किया.

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इस मामले की अगली सुनवाई 19 मार्च को होगी. (फाइल फोटो: PTI)

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के गुट से कहा है कि वो अपने कैंपेन में शरद पवार की तस्वीरों का इस्तेमाल न करें. 14 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने अजित पवार (Ajit Pawar) के नेतृत्व वाले गुट से कहा कि उन्होंने शरद पवार से अलग होना खुद चुना है, तो अब उन्हें अपनी पहचान के साथ ही चलना चाहिए. लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक शीर्ष अदालत ने अजित पवार गुट से 'घड़ी' की बजाय दूसरे सिंबल के विकल्प पर भी विचार करने को कहा है.

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बता दें कि 6 फरवरी, 2024 को चुनाव आयोग ने अजित पवार गुट को असली नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (NCP) करार दिया था. कहा था कि अजित पवार गुट को NCP का नाम और ‘घड़ी’ चुनाव चिह्न इस्तेमाल करने का अधिकार होगा. शरद पवार ने चुनाव आयोग के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है.

ये भी पढ़ें- अजित पवार की हुई NCP, पार्टी सिंबल भी मिला, चुनाव आयोग ने शरद पवार को क्या दिया?

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गुरुवार को शरद पवार गुट की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने अजित पवार गुट द्वारा 'घड़ी' सिंबल के इस्तेमाल पर आपत्ति जताई. उन्होंने कहा कि ये सिंबल ऐतिहासिक रूप से शरद पवार से जुड़ा हुआ है. ये भी कहा गया कि अजित पवार गुट ने अपने चुनावी कैंपेन में शरद पवार के नाम और तस्वीरों का इस्तेमाल किया.

इस पर जस्टिस सूर्यकांत ने अजित पवार गुट की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट मनिंदर सिंह से पूछा,

"आप उनकी (शरद पवार की) तस्वीरों का इस्तेमाल क्यों कर रहे हैं? अगर आप इतने कॉन्फिडेंट हैं, तो अपनी तस्वीरों का इस्तेमाल करें?"

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मनिंदर सिंह ने जवाब दिया कि कुछ सदस्यों ने ऐसा किया होगा, लेकिन पार्टी ऐसा नहीं कर रही है. जब अजित पवार के वकील ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं के सभी सोशल मीडिया पोस्टरों को नियंत्रित करना संभव नहीं है, तो कोर्ट ने साफ कहा कि ये पार्टी का काम है कि वो अपने सदस्यों को अनुशासित करे.

जस्टिस सूर्यकांत ने कहा,

"अब जब आप दो अलग-अलग संस्थाएं हैं, तो केवल अपनी पहचान के साथ जाएं. आपने अलग होने का विकल्प चुना है. अब उस पर कायम रहें. ये आपका काम है कि आप अपने कार्यकर्ताओं को कंट्रोल करें. हम आपसे एक बहुत ही स्पष्ट और बिना शर्त सहमति चाहते हैं कि आप शरद पवार के नाम और फोटो वगैरह का इस्तेमाल नहीं करेंगे."

शरद पवार की ओर से सिंघवी ने अजित पवार गुट को 'घड़ी' चुनाव सिंबल दिए जाने पर भी आपत्ति जताई. सिंघवी ने कोर्ट से कहा कि पार्टी में विभाजन के बाद अजित पवार गुट को एक नया चुनाव सिंबल आवंटित किया जाना चाहिए था. 

ये भी पढ़ें- शरद पवार गुट को मिला नया चुनाव चिह्न! 'तुतारी' क्या होता है, कैसे मिलते है सिंबल?

सिंघवी ने कहा,

“उन्हें (अजित पवार गुट को) घड़ी के अलावा कोई दूसरा सिंबल इस्तेमाल करने दें. घड़ी शरद पवार की पहचान से जुड़ा हुआ है.”

इस पर कोर्ट ने सुझाव दिया कि अजित पवार गुट एक अलग सिंबल का इस्तेमाल करे. कोर्ट ने कहा कि ऐसा इसलिए जरूरी है क्योंकि अजित पवार गुट को असली NCP का दर्जा देने वाले चुनाव आयोग के फैसले को कोर्ट में चुनौती दी गई है. जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि कोर्ट अजित पवार गुट को दूसरे चुनावी सिंबल पर विचार करने को कह रही है. कोर्ट अब इस मामले की अगली सुनवाई मंगलवार, 19 मार्च को करेगा.

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